कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शनिवारको राज्य सरकार की अनुशंसा पर राज्य विधानसभा का सत्रावसान (West Bengal Assembly Prorogue) किया. संसद या विधानसभा के एक सत्र को भंग किये बिना सत्रावसान किया जाता है. तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के नेतृत्व वाली सरकार से कई मुद्दों पर उलझ चुके जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने शनिवार को एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने 12 फरवरी से विधानसभा का सत्रावसान किया है.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट किया, ‘संविधान के अनुच्छेद 174 के खंड (2) के उप-खंड (ए) द्वारा मुझे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं 12 फरवरी से पश्चिम बंगाल विधानसभा का सत्रावसान कर रहा हूं.’ राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल धनखड़ ने राज्य मंत्रिमंडल की सलाह पर विधानसभा का सत्रावसान किया.
घटनाक्रम पर सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘राज्यपाल ने अपनी पहल पर निर्णय नहीं लिया. उन्होंने मंत्रिमंडल की सिफारिश के बाद विधानसभा का सत्रावसान किया है. इसमें कोई भ्रम नहीं है.’ सत्रावसान के बाद अब अगले सत्र की शुरुआत से पहले राज्य सरकार को राज्यपाल से फिर से अनुमति लेनी होगी. नये सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी.
https://twitter.com/jdhankhar1/status/1492390605301121027
पश्चिम बंगाल में नगरपालिका चुनावों को देखते हुए फरवरी या मार्च में विधानसभा का बजट सत्र बुलाने का फैसला किया गया था. इस सत्र में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का भी बंगाल सरकार का विचार था. तृणमूल कांग्रेस सरकार का आरोप है कि जगदीप धनखड़ सरकार के दैनिक कार्यों में भी हस्तक्षेप करते हैं.
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तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर राय ने उच्च सदन में रूल 170 के तहत एक प्रस्ताव दिया था. इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से आग्रह किया गया है कि पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ को वापस बुलाया जाये. बता दें कि बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच लंबे अरसे से विवाद चल रहा है. ममता बनर्जी खुद कई बार कह चुकीं हैं कि राज्यपाल को वापस बुलाया जाये.
Posted By: Mithilesh Jha