WB News: राज्यपाल सीवी आनंद बोस के प्रधान सचिव के तबादले को लेकर ममता सरकार और राजभवन में बढ़ी तनातनी

पश्चिम बंगाल में राज्यपाल सीवी आनंद बोस की प्रधान सचिव नंदिता चक्रवर्ती के तबादले के बाद से ममता सरकार और राजभवन के बीच तनातनी बढ़ गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2023 2:11 PM

कोलकाता. राज्यपाल सीवी आनंद बोस की प्रधान सचिव नंदिनी चक्रवर्ती के तबादले को लेकर राज्य सरकार और राजभवन में तनातनी बढ़ गयी है. सूत्रों के अनुसार, रविवार रात को सीवी आनंद बोस ने प्रधान सचिव नंदिनी चक्रवर्ती को हटाने का निर्देश दिया था. राजभवन सूत्रों के अनुसार, सोमवार को राजभवन ने नंदिनी चक्रवर्ती को सचिव पद से बर्खास्त कर दिया.

ममता सरकार ने राज्यपाल के फैसले पर जताई आपत्ति

इस बीच ममता बनर्जी की सरकार ने राज्यपाल के इस फैसले पर आपत्ति जतायी है. राज्य सचिवालय सूत्रों के अनुसार, नंदिनी चक्रवर्ती को नबान्न द्वारा स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है. साथ ही राजभवन में फिलहाल किसी दूसरे आइएएस अधिकारी को नहीं भेजा जायेगा. राज्य सचिवालय की आपत्ति के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या नबान्न और राजभवन के बीच फिर से टकराव शुरू हो गया है? हालांकि अभी तक राज्यपाल सीवी आनंद बोस और सीएम ममता बनर्जी के रिश्ते काफी अच्छे हैं.

सरकार और राज्यपाल की नजदीकी पर विपक्ष उठा रहा सवाल

राज्यपाल और सीएम ममता बनर्जी सरकार की नजदीकी पर विपक्ष सवाल उठा रहा है. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं.वह, उनके बारे में कुछ नहीं कहेंगे. जब भी मैंने उनके बारे में बात की है, हमेशा कहा है कि उनकी सचिव नंदिनी चक्रवर्ती गलत बयान दे रही हैं. सचिव नबान्न के इशारे पर राजभवन का परिचालन करने की कोशिश कर रही थीं.

रविवार को प्रधान सचिव की हुई थी छुट्टी

इसी माहौल में रविवार की रात अचानक सुना गया कि नंदिनी चक्रवर्ती को उनके पद से हटा दिया गया है. प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, राजभवन ने नंदिनी चक्रवर्ती को तो पद से हटा दिया है, लेकिन सचिव पद पर राज्य सरकार किसी को नहीं भेज रही है. इस बीच, राज्य सरकार के नियमों के अनुसार, यह नबान्न से तय होगा कि राजभवन में सचिव कौन होगा. हालांकि, राजभवन व्यक्तिगत राय व्यक्त कर सकता है. हालांकि, राजभवन के निर्देश के बाद अगर राज्य सचिवालय नंदिनी चक्रवर्ती को नहीं हटाता है, तो सवाल उठता है कि क्या नबान्न का राज्यपाल के साथ संघर्ष शुरू हो गया है?

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