Jharkhand Weather Forecast: झारखंड में बदलेगा मौसम का मिजाज, कल से गर्जन के साथ बारिश

झारखंड में बदल रहे मौसम के देखते हुए बिरसा कृषि विवि के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सावधान रहने की सलाह दी है. सब्जियों की फसलों से जल निकासी की उचित व्यवस्था करने तथा पशुओं को खुले में नहीं रखने की सलाह दी गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2024 5:05 PM

रांची : पश्चिमी विक्षोभ के कारण 30 व 31 मार्च को झारखंड के कई हिस्सों खास कर रांची, सिमडेगा, गढ़वा, पलामू, लातेहार, हजारीबाग, रामगढ़, पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी, चतरा, लोहरदगा आदि इलाके में गर्जन के साथ हल्की बारिश हो सकती है. कहीं-कहीं वज्रपात भी हो सकता है. जबकि, एक अप्रैल से मौसम शुष्क रहेगा और अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी. रांची और आसपास के इलाके में 29 मार्च को भी बादल छाये रहेंगे.

क्या कहना है मौमस विभाग का

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण झारखंड में घने बादल छा सकते हैं. यह बादल जहां-जहां गुजरेंगे, वहां गर्जन के साथ कुछ-कुछ अंतराल में हल्की बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने वज्रपात व बारिश का संभावना के मद्देनजर येलो अलर्ट जारी किया है. लोगों को वज्रपात से बचने के लिए सतर्क किया है. पेड़, बिजली खंभे के नीचे नहीं खड़े होने, गर्जन के समय खेतों में नहीं जाने की सलाह दी है. इधर, 28 मार्च को हल्के बादल छाये रहने के कारण रांची का अधिकतम तापमान 27 मार्च की अपेक्षा 0.8 डिग्री सेल्सियस कम रहा. गुरुवार को रांची का अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. वहीं, मेदिनीनगर का अधिकतम तापमान 38.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है.

किसानों को सावधान रहने की सलाह

झारखंड में बदल रहे मौसम के देखते हुए बिरसा कृषि विवि के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सावधान रहने की सलाह दी है. सब्जियों की फसलों से जल निकासी की उचित व्यवस्था करने तथा पशुओं को खुले में नहीं रखने की सलाह दी गयी है. किसी भी तरह का दवा का छिड़काव मौसम साफ रहने की स्थिति में ही करें. रबी की जो भी फसल कट चुकी है, उसे सुरक्षित जगह पर रखें तथा साफ मौसम को देखते हुए उसकी अविलंब तैयारी कर लें. गरमा धान के लिए खेतों में जल जमाव रखने के लिए मेड़ को दुरुस्त करें. आम में अगर फुदका कीट का प्रकोप दिखायी दे, तो फॉस्फैमिडोन 40 प्रतिशत एसएल 0.5 मिली/लीटर या डाइमेथोएट 30 प्रतिशत दो मिली/लीटर का छिड़काव फूलों की आरंभिक अवस्था के दौरान करें.

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