Weather News 2020 : पूरे झारखंड में सामान्य बारिश, पलामू में टूटा नौ साल का रिकॉर्ड, जानिये किस जिले में हुई कितनी बारिश

पलामू ने जून माह में बारिश का पिछले नौ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. इस वर्ष जून में 300 मिमी से अधिक बारिश हुई है. पलामू और जमशेदपुर में रांची से भी अधिक बारिश हुई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 1, 2020 1:37 AM
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मनोज सिंह, रांची : पलामू ने जून माह में बारिश का पिछले नौ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. इस वर्ष जून में 300 मिमी से अधिक बारिश हुई है. पलामू और जमशेदपुर में रांची से भी अधिक बारिश हुई है. पूरे राज्य में इन्हीं तीनों जिलों में जून में 300 मिमी से अधिक बारिश हुई. जमशेदपुर में 351, डालटनगंज में 324 व रांची में 311 मिलीमीटर बारिश हुई.

पिछले तीन साल से लगातार डालटनगंज में राजधानी रांची से भी अधिक बारिश हो रही है. 2019 में जून माह में डालटनगंज में 187 मिमी बारिश हुई थी, जबकि रांची में करीब 124.0 मिमी बारिश हुई थी. इसी तरह 2018 में डालटनगंज में 120 तथा रांची में 110 मिमी बारिश हुई थी.

वैसे डालटनगंज में जून माह की सामान्य बारिश 151 मिमी ही है. इस बार इससे करीब दोगुनी बारिश यहां हुई है. इससे पहले 2011 में डालटनगंज में 410 मिमी के आसपास बारिश हुई थी. जून में इस साल सामान्य बारिश हुई है. इस बार मॉनसून भी झारखंड में समय से दो दिन पहले आ गया था. इस कारण राज्य में जून में अब तक करीब 200 मिमी बारिश हो चुकी है. वैसे राज्य में जून की औसत बारिश 199 मिमी के आसपास है.

  • जून में तीनों जिले में 300 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई

  • जमशेदपुर में 351, डालटनगंज में 324 व रांची में 311 मिमी हुई बारिश

  • पिछले तीन साल से लगातार डालटनगंज में राजधानी रांची से भी अधिक बारिश हो रही है

पिछले 10 साल में जून माह में हुई बारिश का आंकड़ा (मिमी में)

वर्ष डालटनगंज रांची जमशेदपुर

2020 324 311 351

2019 187.8 124.0 151.4

2018 120.6 110.6 97.2

2017 106.6 172.3 117.7

2016 49.6 158.2 478.8

2015 158.9 281.7 150.8

2014 76.4 175.8 260.8

2013 106.4 360.7 106.4

2012 119.8 108.5 203.4

2011 410.1 588.0 424.4

2010 78.1 63.8 58.6

अधिक बारिश से किसान खा गये धोखा : जोनल रिसर्च स्टेशन चियांकी के वैज्ञानिक डॉ अब्दुल माजिद अंसारी बताते हैं कि आम तौर पर जून में पलामू में बारिश की परंपरा नहीं रही है. इस कारण किसान खेती करने के लिए बहुत तैयार नहीं थे. जून में रोपा करने से धोखा खाते रहे हैं. इस बार सामान्य से दोगुनी बारिश हो गयी है. इससे जिन किसानों ने रोपा के लिए धान का बिचड़ा बिना पानी निकासी के तैयार किया था, वह सड़ने लगा है. असल में पलामू की जमीन केवाल है. यहां पानी जमा हो जाता है. इस कारण यहां मकई और अरहर की फसल भी नहीं लग पायी है. लगातार बारिश होने से किसान खेत भी तैयार नहीं कर पा रहे हैं.

post by : Pritish Sahay

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