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100 करोड़ से ज्यादा द फ्रीलांसर का बजट है.. सीरीज से जुड़ी और भी खास बातें शेयर की अभिनेता नवनीत मल्लिक ने

वेब सीरीज द फ्रीलांसर में अपने किरदार को लेकर नवनीत मल्लिक ने बात की. उन्होंने कहा, मोहसिन फैजल का किरदार इतनी खूबसूरती से लिखा गया है. इसका एक ग्राफ है. यह पहले पॉजिटिव है फिर किरदार नेगेटिव हो जाता है.

By कोरी | September 2, 2023 6:33 AM

निर्देशक नीरज पांडे की वेब सीरीज द फ्रीलांसर इनदिनों स्ट्रीम कर रही है. इस वेब सीरीज में अभिनेता नवनीत मल्लिक अहम भूमिका में नज़र आ रहे हैं. वह इस सीरीज को अपने कैरियर के लिए अहम टर्निंग पॉइंट करार दे रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस सीरीज के बाद मेकर्स उन्हें अच्छे ऑफर्स देंगे. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

मोहसिन फैजल के किरदार से जुडी सबसे बड़ी चुनौती क्या रही ?

मोहसिन फैजल का किरदार इतनी खूबसूरती से लिखा गया है. इसका एक ग्राफ है/ यह पहले पॉजिटिव है फिर किरदार नेगेटिव हो जाता है. यह चुनौतीपूर्ण था क्योंकि सीरीज की शूटिंग करते हुए कभी आपको नेगेटिव सीन्स करना पड़ता है फिर अगले दिन पॉजिटिव. सीक्वेन्स में शूटिंग नहीं होती है. आगे – पीछे शूट होता है. एक्टर के तौर पर यह आसान नहीं होता है. नीरज सर की मदद से मैंने यह किया है. इसके साथ ही मैं ये भी कहूंगा कि वो अपने एक्टर्स पर भरोसा बहुत करते हैं. उन्होंने मुझे सीन खुद से डिजाइन करने को कहा , जहां मैं अटकता था, तो फिर वो मुझे गाइड करते हैं.

द फ्रीलांसर सीरीज आप तक किस तरह से पहुंचे ?

ऑडिशन के ज़रिये ही मैं इस सीरीज से जुड़ा. पहले मुझे पता भी नहीं था कि फ्रीलांसर के निर्देशक नीरज सर हैं. जब मैं शार्ट लिस्ट हुआ , तो मुझे मेरे किरदार के बारे में बताया गया कि यह नेगेटिव लीड होगा और नीरज सर इसे निर्देशित करेंगे. उसके बाद मेरे चार – पांच राउंड हुए. काफी प्रोसेस से गुज़रने के बाद रोल के लिए सेलेक्ट किया गया. यह पूरा प्रोसेस तीन से चार महीने का था. मैं बताना चाहूंगा कि मेरे वाले किरदार के लिए साढ़े सात सौ लोगों ने ऑडिशन दिया था. इस किरदार के लिए आठ महीने ऑडिशंस चले थे उसके बाद मेरा नाम तय हुआ था.

सीरीज के निर्देशक नीरज पांडे से पहली मुलाकात को कैसे परिभाषित करेंगे ?

मेरा चयन होने से पहले मेरे चार से पांच राउंड हुए थे , जो मेरी को स्टार है उनके साथ. हमने कुछ सीन्स किए. हर एक ऑडिशन के बीच में कुछ १५ से २० दिन का गैप होता था. जैसे – जैसे मैं हर राउंड को क्लियर करता, तो मेरी उत्सुकता और बढ़ती जाती थी कि अब मुझे नीरज पांडे सर से मिलने का मौका मिलेगा. आखिरकार मुझे नीरज सर से मिलवाया गया. मुझे तीसरे राउंड के बाद उनसे मिलवाया गया. जब मैं उनसे मिला तो मुझे समझा कि लोग उन्हें इतना क्यों पसंद करते हैं. उनका ऑरा कितना स्ट्रांग है. उन्हें एक्टर की नस को पकड़ना बखूबी आता है. उनकी निगरानी में मैंने फाइनल ऑडिशन किया था.

अपने किरदार के लिए आपकी तैयारी क्या थी ?

हमारे रीडिंग सेशंस होते थे. इस सीरीज में उर्दू में हमारी क़ाफी बातचीत है. वो भी ऐसी उर्दू हमने कभी सुनी नहीं थी , तो डिक्शन कोच रखे गए थे. एक्टिंग कोच भी रखे गए थे.डायरेक्टर सर भी समझाते थे. बहुत सारी चीज़ें हुईं. एक लम्बा प्रोसेस था. चार पांच महीने ये चला उसके बाद हम सेट पर गए.

ट्रेलर में ही यह बात साफ़ हो गयी है कि आपके ज़्यादातर शूट विदेश में हुए हैं, कहां पर शूटिंग हुई है ?

जब मैंने ऑडिशन का पहला राउंड क्लियर किया था, तो मुझे बताया गया था कि इस सीरीज की शूटिंग मोरक्को में होगी. यह सुनकर तो मैं और ज़्यादा उत्साहित हो गया था. विदेश गए बहुत टाइम हो गया था और काफी समय से कहीं घूमने भी नहीं गया था. मैं बहुत खुश हुआ कि एक दूसरा देश घूमने को मिलेगा. नीरज सर इसको निर्देशित करने वाले हैं. हॉटस्टार की सबसे बड़ी सीरीज होने वाली है. १०० करोड़ से ज़्यादा का बजट होने वाला है. पूरी दुनिया से कास्ट एंड क्रू इस सीरीज से जुड़े हैं. मुझे लगा कि मुझे और क्या ही चाहिए.

मोरक्को में कितने महीने की शूटिंग थी

दो महीना पूरा मोरक्को में गया था. २० दिन मेरा भारत में भी मेरा काम था. सीरीज का इंटीरियर शॉट फिल्मिस्तान शूट हुआ है. कुछ सीन्स बांद्रा के लाइव लोकेशंस में भी शूट हुए हैं.

सीरीज के ट्रेलर लांच के साथ ही यह चर्चा शुरू हो गयी थी कि केरल स्टोरी की याद दिला रहा है, इस तरह की चर्चाओं पर आपकी क्या राय है ?

यह उससे जुड़ा हुआ नहीं है. यह टिकट टू सीरिया किताब पर यह सीरीज आधारित है. नीरज सर ने इसे अपने अंदाज में कहानी को थोड़ा मोल्ड किया है.थोड़ा फिक्शनल बनाया गया है. जिस तरह से उन्होने शूट किया है.वह बहुत अलग है और जो मुद्दा है, वो भी बहुत अलग है.

मोहित रैना के साथ काम का अनुभव कैसा रहा?

बहुत अनुभवी वो हैं. उनके इतने सालों से अनुभव है. महादेव की वजह से उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है. सेट पर वो आपको इतने सहज करवा देते हैं कि आपको लगता ही नहीं है कि आप उनके साथ पहली बार काम कर रहे हैं.

नेगेटिव किरदार करते हुए क्या डर नहीं था कि

आज इतने सारे माध्यम और मौके हैं कि आज दर्शक एक एक्टर को एक्टर ही मानते हैं. वो उसे नेगेटिव या पॉजिटिव में नहीं बांधते हैं. मैं आनेवाले प्रोजेक्ट में पॉजिटिव लीड भूमिका भी कर रहा हूं.

आपके आनेवाले प्रोजेक्ट्स?

तीन प्रोजेक्ट्स है, एक संजय दत्त सर के साथ फिल्म है. दो प्रोजेक्ट्स और हैं, लेकिन अभी उनकी घोषणा नहीं हुई है, तो उनके बारे में फिलहाल नहीं बात कर पाऊंगा.

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