पुलिस शनिवार को कोलकाता के धर्मतला और दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में हुईं हिंसा की घटनाओं की तत्परता से जांच में जुट गयी है. अबतक 62 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कोलकाता में 19 और भांगड़ से 43 लोगों को पकड़ा गया है. कोलकाता पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि शनिवार को धर्मतला इलाके में इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा पूर्व नियोजित थी या नहीं. गौरतलब है कि मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड इलाके में विपक्षी आइएसएफ का विरोध प्रदर्शन शनिवार शाम हिंसक हो गया और पुलिस के साथ हुई झड़प में कई पुलिसकर्मी और आइएसएफ के कार्यकर्ता घायल हो गये.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा : ऐसा प्रतीत होता है कि आइएसएफ कार्यकर्ताओं की दंगा करने की योजना थी और यही कारण है कि वे डोरिना क्रॉसिंग पर तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला करने के लिए पत्थर, ईंट और लाठियां ले जा रहे थे. हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हिंसा पूर्व नियोजित थी. पुलिस अधिकारी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और शनिवार को डोरिना क्रॉसिंग पर ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों से पूछताछ की गयी. उन्होंने कहा : हम गिरफ्तार किये गए आइएसएफ कार्यकर्ताओं से भी बात कर रहे हैं.
उधर, हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार आइएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी समेत 19 आरोपियों को रविवार को बैंकशाल कोर्ट की विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत ने विधायक समेत 18 आरोपियों को एक फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया. एक आरोपी के नाबालिग होने के कारण उसे निजी होम (अनाथालय) में रखा गया है. उसे 24 जनवरी को जुवैनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) में पेश किया जायेगा.
अदालत सूत्रों के मुताबिक, रविवार को सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता ने कहा, शनिवार को आइएसएफ के स्थापना दिवस के मौके पर हो रही सभा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर कातिलाना हमला शुरू कर दिया. पुलिस उपायुक्त आकाश मेघारिया के अलावा बहूबाजार थाने के ओसी और अतिरिक्त ओसी पर जानलेवा हमला हुआ. हमले में 19 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. पूरे धर्मतला इलाके को ठप करने का प्रयास किया गया. इलाके में तनाव फैलाने की कोशिश की गयी. कई आम लोग भी जख्मी हुए हैं. इस घटना में कुछ और लोग फरार हैं. उन्हें गिरफ्तार करने के लिए सभी को 14 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेजा जाये.
इधर, अपना पक्ष रखते हुए बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि सभा शांतिपूर्ण चल रही थी. इसमें बाहरी लोगों को प्रवेश दिलाकर हमला करवाया गया. पुलिस पर जो हमला हुआ है, वह आइएसएफ के कार्यकर्ताओं ने किया है, इससे जुड़ा वीडियो पुलिस अदालत में पेश नहीं कर पायी है.
दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में रविवार को हुई हिंसा को लेकर विवादों में घिरे तृणमूल कांग्रेस नेता अराबुल इस्लाम ने रविवार को कहा कि इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के समर्थक ब्लॉक एवं पंचायत पर कब्जा कर पूरे भांगड़ इलाके को नियंत्रण में लेना चाहते हैं. यही कारण है कि उनके (अराबुल) घर से कुछ दूरी पर खेत में बम रखकर उन पर हमला कर उन्हें जान से मारने की साजिश की जा रही थी. अराबुल इस्लाम ने कहा कि आइएसएफ के पीछे बड़े-बड़े दिमाग हैं. वे इस तरह की साजिश रच रहे हैं. इसी कारण मुझपर हमला करने के इरादे से बम लाकर रखा गया था. लेकिन यहां की जनता ने ही इसका विरोध किया है और इस साजिश की पुलिस को खबर दी, जिसके कारण तीन आइएसएफ समर्थक पकड़े गये. हथियारों के बल पर इलाके में अशांति फैलाने की साजिश रचकर प्रभाव जमाने की कोशिश सफल नहीं होगी. काशीपुर थाने की पुलिस से उनका आग्रह है कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये.
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शनिवार को कोलकाता के डोरिना क्रॉसिंग पर प्रदर्शन के दौरान आइएसएफ समर्थकों की पुलिस से भिड़ंत हो गयी थी
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लाठीचार्ज में कई आइएसएफ कार्यकर्ता घायल हो गये, 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया
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पथराव में तीन आइपीएस सहित पुलिस के 19 अधिकारी और कर्मचारी घायल हो गये
धर्मतला में शनिवार को हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी समेत 19 आरोपियों को रविवार को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया. अदालत में प्रवेश करने के दौरान नौशाद सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के हक के लिए लड़ाई शुरू की है. जनता को उसका हक दिलाने के लिए वह आगे भी आंदोलन करते रहेंगे. उन्हें साजिश के तहत फंसाकर गिरफ्तार किया गया है. उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. उनका दावा है कि अदालत की सुनवाई में उन्हें न्याय अवश्य मिलेगा. वहीं, रविवार शाम को बैंकशाल कोर्ट से पुलिस वैन में लौटते समय उन्होंने अपने समर्थकों को एकजुट रहकर भविष्य के आंदोलन के लिए तैयार रहने को कहा. गौरतलब है कि नौशाद भांगड़ से विधायक हैं.
दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में शनिवार को दिनभर तृणमूल व आइएसएफ समर्थकों के बीच झड़प होती रही. इस बीच, शनिवार देर रात काशीपुर थाने की पुलिस ने भांगड़ के उत्तर गाजीपुर इलाके में मिर्च के पौधे लगे खेत से आइएसएफ के तीन समर्थकों को गिरफ्तार किया. उनके पास से एक रिवॉल्वर एवं एक कारतूस जब्त किया गया है. अभी उनसे पूछताछ हो ही रही थी कि पुलिस को रविवार सुबह उसी खेत में दो बैग में जिंदा बम होने की सूचना मिली. पुलिस का कहना है कि कुछ किसान रविवार सुबह उस खेत में पहुंचे तो पूरे खेत में दो अलग-अलग जगहों पर बैग एवं बोरी में जिंदा बम पड़ा देखा. जहां बम मिले, वहां से कुछ ही दूरी पर तृणमूल के वरिष्ठ नेता आराबुल इस्लाम का घर है. पुलिस की तरफ से तुरंत सीआइडी के बम डिस्पोजल स्क्वाड को खबर दी गयी. रविवार शाम को बीडीएस की टीम मौके पर पहुंची. बताया जा रहा है कि अंधेरा होने के कारण बीडीएस की टीम बम कब्जे में लिये बिना वहां से वापस लौट गयी.