कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के बाद बंगाल की राजनीति में किंगमेकर बनने की चाहत रखने वाले असदुद्दीन ओवैसी को एक बार फिर तगड़ा झटका लगा है. उनकी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (AIMIM) के पश्चिम बंगाल के कार्यकारी अध्यक्ष शेख अब्दुल कलाम ने अपने समर्थकों के साथ तृणमूल कांग्रेस का झंडा थाम लिया.
तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद यहां पार्टी मुख्यालय में कलाम ने कहा कि कई वर्षों से पश्चिम बंगाल में शांति का माहौल है. ‘विद्वेष के वातावरण’ को दूर रखने के लिए उन्होंने पार्टी का रुख किया है. एआईएमआईएम के नेता और उनके समर्थक तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य की उपस्थिति में सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हुए.
कलाम ने कहा कि एआईएमआईएम को अतीत में पश्चिम बंगाल की राजनीति में प्रवेश करने की कोशिश करनी चाहिए थी और इस समय राजनीति में आने की कोशिश करना उचित नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘इससे बेवजह में वोट कटेंगे, जिसकी जरा भी जरूरत नहीं है.’
हमने देखा है कि पश्चिम बंगाल शांति का स्थान हुआ करता था. लेकिन कुछ समय से विद्वेष का माहौल हो गया है और इसे ठीक किया जाना चाहिए. इसीलिए मैंने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय किया.
शेख अब्दुल कलाम, कार्यकारी अध्यक्ष, एआईएमआईएम
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में 5 सीटें जीतने के बाद बुलंद हौसले के साथ असदुद्दीन ओवैसी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की. उनके इस घोषणा के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अनवर पाशा ने ओवैसी से किनारा करते हुए ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी.
एआईएमआईएम के तत्कालीन पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष अनवर पाशा के साथ 17 पदाधिकारी भी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये थे. अभी हाल ही में एआईएमआईएम के सर्वोच्च नेता असदुद्दीन ओवैसी अपनी पार्टी के स्थानीय नेताओं को बताये बगैर अचानक कोलकाता पहुंच गये. यहां से वह हुगली स्थित फुरफुरा शरीफ भी चले गये.
फुरफुरा शरीफ के पीरजादा से मुलाकात करने के बाद ओवैसी ने कहा कि अब्बास सिद्दीकी ही उनकी पार्टी के सर्वेसर्वा होंगे. जैसा वह कहेंगे, बंगाल में उनकी पार्टी वही करेगी. पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के दिशा-निर्देश में ही उनकी पार्टी बंगाल में विधानसभा चुनाव लड़ेगी. ओवैसी के इस फैसले से न केवल मुस्लिम कौम के लोग, बल्कि एआईएमआईएम के नेता और कार्यकर्ता भी नाराज हो गये.
Kolkata: West Bengal's acting AIMIM Chief SK Abdul Kalam joins Trinamool Congress (TMC) along with several other members of AIMIM, ahead of Assembly Elections in the state. pic.twitter.com/yWrlNtvN64
— ANI (@ANI) January 9, 2021
पश्चिम बंगाल एआईएमआईएम के प्रमुख शेख अब्दुल कलाम के पार्टी छोड़कर तृणमूल में शामिल होने के कदम को भी ओवैसी की बंगाल एवं फुरफुरा शरीफ यात्रा से जोड़कर ही देखा जा रहा है. कई मौलानाओं ने फुरफुरा शरीफ को राजनीति से जोड़ने के लिए ओवैसी की आलोचना की थी. साथ ही कहा था कि बंगाल के मुसलमान कभी भी ओवैसी और एआईएमआईएम को बर्दाश्त नहीं करेगा.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि तीन महीने से भी कम समय में पश्चिम बंगाल में एआईएमआईएम के दो प्रदेश अध्यक्ष पार्टी छोड़ चुके हैं. 23 नवंबर को तृणमूल में शामिल होने के बाद अनवर पाशा ने ओवैसी पर मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण करके भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था. यही आरोप हाल के दिनों में मौलानाओं ने भी लगाये हैं.
Posted By : Mithilesh Jha