पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में रविवार (27 अगस्त) की सुबह एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया. इसमें कम से कम 8 लोगों के मारे जाने की सूचना है और कई अन्य लोग घायल हो गए हैं. पुलिस ने बताया है कि विस्फोट सुबह करीब 10 बजे उस समय हुआ, जब कोलकाता से लगभग 30 किलोमीटर उत्तर में स्थित दत्तपुकुर थाना क्षेत्र में नीलगंज के मोशपोल इलाके में कई लोग पटाखा फैक्ट्री में काम कर रहे थे.
पूर्वी मेदिनीपुर में भी हुआ था ब्लास्ट
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक छह शव मिले हैं. विस्फोट में कई अन्य लोग घायल भी हुए हैं. उन्होंने बताया कि घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मई में पूर्वी मेदिनीपुर जिले के एगरा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में ऐसा ही विस्फोट हुआ था, जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी.
मकान पूरी तरह हो गया ध्वस्त
सूत्र बता रहे हैं कि अब तक आठ लोगों की मौत की सूचना है. मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है. 10 से अधिक लोग घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. दत्तपुकुर थाना अंतर्गत नीलगंज फांड़ी के नीलगंज ग्राम पंचायत इलाका के मोशपोल पश्चिमपाड़ा में विस्फोट हुआ है. विस्फोट के बाद ईंट-सीमेंट से बना मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गया. खबर मिलते ही दमकल वाहनों को घटनास्थल पर आग बुझाने के लिए भेजा गया.
कई शवों के दबे होने की आशंका
यह भी बताया जा रहा है कि विस्फोट की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मकान में काम कर रहे लोगों के शव घटनास्थल से 50 और 100 मीटर की दूरी तक मिले. ये लोग पूरी तरह से जल चुके थे. दमकल विभाग का मानना है कि मलबे के अंदर अभी भी कई शव दबे हो सकते हैं. बड़ी संख्या में बारासात जिला पुलिस के जवान घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं. पूरे इलाके को चारों ओर से घेरकर मामले की जांच की जा रही है.
दत्तपुकुर पुलिस की गाड़ी में हुई तोड़फोड़
इससे पहले दत्तपुकुर थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, तो ग्रामीणों ने उनका जमकर विरोध किया. पुलिस की गाड़ी में तोड़फोड़ भी की. ग्रामीणों का आरोप है कि पूरे इलाके में खुलेआम अवैध पटाखे की फैक्ट्रियां चल रहीं हैं. पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती. उनका कहना है कि घनी आबादी वाली बस्तियों में पटाखे की फैक्ट्रियां चल रहीं हैं. दत्तपुकुर और बारासात थाना की पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों को पटाखा फैक्ट्री के मालिकों से पैसे मिलते हैं.
घनी आबादी वाले गांव में चलती हैं अवैध पटाखा फैक्ट्रियां
इतना ही नहीं, स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि पटाखा फैक्ट्री के मालिक राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के करीबी हैं. इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती. पटाखा फैक्ट्रियों के मालिकों का क्षेत्र में दबदबा ऐसा है कि उनके खिलाफ कोई भी ग्रामीण चूं शब्द नहीं बोल पाता. बता दें कि इसके पहले दक्षिण 24 परगना और मेदिनीपुर में भी अवैध पटाखा बनाने की फैक्ट्री में विस्फोट हो चुका है, जिसमें कई लोगों की मौत हो गयी. इसके बाद भी प्रशासन नहीं चेत रहा. इसी का नतीजा है कि एक बार फिर विस्फोट हो गया.