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शुभेंदु अधिकारी के साथ तृणमूल विधायक की हो जाती हाथापाई, मंत्री ने किया बीच-बचाव

सदन में बजट पर चर्चा के दौरान शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ऐसा पहली बार है कि राज्य विधानसभा का बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के बगैर ही शुरू हो गया. सरकार राजनीति कर रही है.

पश्चिम बंगाल विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है. गत आठ फरवरी को राज्य बजट पेश किया गया था. इसके बाद शुक्रवार और शनिवार को बजट पर चर्चा हुई. अंतिम दिन यानी शनिवार को विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सदन में बजट पर अपनी प्रतिक्रिया रखी. श्री अधिकारी ने राज्य बजट का विरोध किया. सदन में बजट पर बोलने के लिए उन्हें 15 मिनट समय दिया गया था. पर सदन में बोलने के दौरान तृणमूल कांग्रेस के विधायक उनसे उलझ गये. नौबत हाथापाई तक पहुंच जाती, लेकिन मंत्री अरूप विश्वास के बीच-बचाव कारण स्थिति संभल गई.

कैसे बढ़ी बात

सदन में बजट पर चर्चा के दौरान शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ऐसा पहली बार है कि राज्य विधानसभा का बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के बगैर ही शुरू हो गया. सरकार राजनीति कर रही है. इसलिए राज्यपाल सीवी आनंद बोस को बजट सत्र के आरंभ में आमंत्रित नहीं किया गया. उन्होंने राज्य बजट की आलोचना करते हुए कहा कि बजट में आय के स्रोत नहीं दिखाये गये हैं. सरकार केवल ऋण लेने पर जोर दे रही है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार और सात हजार करोड़ रुपये ऋण लेगी. इस स्थिति में राज्य में जन्म लेनेवाला नवजात सात हजार के ऋण के बोझ के साथ पैदा होगा.

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सिर्फ शराब बेचकर कमाई करना चाहती है सरकार : शुभेंदु अधिकारी

उन्होंने कहा कि सरकार केवल शराब बेचकर कमाई करना चाह रही है. उन्होंने राज्य सरकार द्वारा पांच लाख लोगों को सरकारी रोजगार देने की घोषणा को भी झूठ करार दिया. यह सुनते ही तृणमूल के कई विधायक शोर मचाने लगे. इस बीच, हुगली जिले के तारकेश्वर से तृणमूल विधायक रामेंदु सिंहराय ने शुभेंदु का नाम लिए बगैर चोर कहा. यह सुनते ही शुभेंदु भड़के उठे. वह तुरंत पीछे मुड़े और कहा- ‘आपनार बाबा’ यानी आपके पिता. यह सुनने के बाद रामेंदु सिंहराय अपनी सीट से उठे और शुभेंदु की ओर बढ़ने लगे. श्री राय आक्रमक मुद्रा में थे. वह शुभेंदु की ओर बढ़े. इतने में बिजली मंत्री अरूप विश्वास दौड़ते हुए रामेंदु को पकड़ा, लेकिन वह रुकने को तैयार नहीं थे. उन्हें मंत्री ने जैसेतैसे शांत करवाया और उनकी सीट तक पहुंचाया.

स्पीकर ने दोनों पक्षों को दी नसीहत

इस घटना के बाद विधानसभा अध्यक्ष बिमान बसु ने दोनों पक्षों को नसीहत दी. कहा कि सदन में असंसदीय शब्दों का प्रयोग करें. इसके बाद मामला शांत हुआ. उधर, अपने भाषण में शुभेंदु ने कहा कि लक्खी भंडार योजना के तहत राज्य सरकार केवल नाम के वास्ते एक हजार रुपये दे रही है, जबकि, दूसरे राज्य असम और मध्य प्रदेश में महिलाओं को इससे अधिक दिया जा रहा है.

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महिलाओं को मुफ्त सिलिंडर देने की मांग की

उन्होंने महिलाओं को नि:शुल्क सिलिंडर भी दिये जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि छह लाख सरकारी पद रिक्त हैं. पांच लाख से अधिक लोग सेवानिवृत्त हो चुके हैं. पर राज्य सरकार पांच लाख लोगों को रोजगार देने की बात कर रही है.

वित्त मंत्री के भाषण से पहले भाजपा का वाकआउट

विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के भाषण के बाद ही वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य को बोलना था. पर चंद्रिमा के भाषण से पहले ही भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर निकल गये. उधर, भाजपा विधायकों के सदन छोड़ते समय अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा कि अगर आप सभी सदन में बाहर जाते हैं, तो आप सभी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

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