कोलकाताः पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जल्द कराये जाने की उम्मीद है. बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) डॉ आरिज आफताब ने पांच जिलों के जिलाधिकारियों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वीवीपैट मशीन की प्रथम स्तर की जांच शुरू करने को कहा है.
मुख्य चुनाव अधिकारी ने जिन जिलों के डीएम को पत्र लिखकर ईवीएम और वीवीपैट की जांच शुरू करने के लिए कहा है, उनमें दक्षिण कोलकाता, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, कूचबिहार और नदिया के जिलाधिकारी शामिल हैं. बंगाल में विधानसभा की 7 सीटें खाली हैं, जहां उपचुनाव कराये जाने की जरूरत है.
प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस लगातार यह मांग कर रही है कि राज्य की खाली पड़ी विधानसभा सीटों पर जल्द से जल्द उपचुनाव कराये जायें. मुख्यमंत्री एवं तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा है कि आयोग चाहे तो 7 दिन के अंदर चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ले. उन्हें चुनाव प्रचार के लिए ज्यादा दिनों की जरूरत नहीं है.
चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपकर तृणमूल कांग्रेस विधानसभा के उपचुनाव जल्द से जल्द कराने की मांग कर चुकी है. हालांकि, बंगाल की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से लोकल ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं किया जा रहा है. ऐसे में चुनाव कराने की मांग करना कितना उचित है?
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि पश्चिम बंगाल में इस वक्त सबसे ज्यादा इसी बात की चर्चा है कि सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे या नहीं. अगर विधानसभा के उपचुनाव नहीं कराये गये, तो बंगाल में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो सकता है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है.
कहीं भी चुनाव से पहले ईवीएम व वीवीपैट की जांच की जाती है. आयोग के इस आदेश से तृणमूल कांग्रेस में उम्मीदें जगने लगी हैं कि जल्द ही उपचुनाव की तारीखों की घोषणा हो सकती है. चुनाव आयोग ने शुक्रवार को दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे से खाली हुई पश्चिम बंगाल की एक राज्यसभा सीट पर 9 अगस्त को चुनाव की घोषणा कर दी थी.
Posted By: Mithilesh Jha