पश्चिम बंगाल: बीरभूम हिंसा मामले की जांच में जुटी CBI, भेजी गई वरिष्ठ अधिकारियों की टीम
पश्चिम बंगाल के बीरभूम हिंसा मामले में शुक्रवार यानी आज से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(सीबीआई) ने जांच शुरू कर दिया है. कोर्ट की तरफ से सीबीआई को प्रोग्रेस रिपोर्ट फाइल के लिए 7 अप्रैल तक का समय दिया गया है.
West Bengal CBI investigation: पश्चिम बंगाल के बीरभूम हिंसा मामले में कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार यानी आज से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(CBI) ने जांच शुरू कर दिया है. कोलकाता हाई कोर्ट ने राज्य के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में तृणमूल कांग्रेस के नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा मामले में सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे. वहीं, खबरों के अनुसार कोर्ट ने सीबीआइ को जांच करने के आदेश देते हुए ममता बनर्जी का अगुवाई वाली टीएमसी सरकार की तरफ से गठित एसआईटी को इस मामले से जुड़े दस्तावेजों के अलावा मामले में गिरफ्तार हुए लोगों को भी सीबीआई को सौंपने को कहा था.
CBI has taken over the Rampurhat, Birbhum violence case in West Bengal and dispatched the team, including senior officer and CFSL experts, to investigate the case: Agency sources
— ANI (@ANI) March 25, 2022
सीबीआई की जांच शुरू
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में रामपुरहाट बीरभूम हिंसा मामले को अपने कब्जे में ले लिया है और मामले की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारी और सीएफएसएल विशेषज्ञों सहित टीम भेजी है.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये कहा
वहीं, खबरों के मुताबिक कोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ तौर पर कहा कि सबूतों और घटना का असर बताता है कि राज्य की पुलिस इसकी जांच नहीं कर सकती. वहीं,कोर्ट ने सीबीआई को अपने जांच की प्रोगेस रिपोर्ट 7 अप्रैल तक पेश करने को कहा है. बता दें कि इस मामले में पहले ही कोलकाता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की थी. हालांकि उस वक्त इस मामले में सीबीआई जांच की मांग को नकारते हुए मामले के जांच का पहला मौका राज्य को देने का निर्णय सुनाया था.
फोरेंसिक रिपोर्ट ने चौंकाया
इस मामले के फोरेंसिक रिपोर्ट चौंकाने वाले हैं. पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट ब्लॉक के बागटुई गांव में दो बच्चों और तीन महिलाओं समेत आठ लोगों को जिंदा जलाने से पहले बुरी तरह पीटा गया था. ऐसे संकेत शवों के पोस्टमॉर्टम की प्राथमिक रिपोर्ट से मिले हैं. यह जानकारी पुलिस सूत्रों से मिली है. रामपुरहाट अस्पताल के एक सूत्र की मानें, तो शवों के अंत्यपरीक्षण और फोरेंसिक विशेषज्ञों की प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि पहले उस गांव में पीड़ितों को बुरी तरह पीटा गया. फिर उन्हें घर में बंद कर आग लगा दी गयी.