पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) का दावा सिगूंर से टाटा को माकपा ने भगाया है हमने तो लोगों को जमीन वापस दिलाया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को सिलीगुड़ी में विजया सम्मेलनी के कार्यक्रम में ऐसी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि माकपा ने टाटा को सिंगूर से भगाया था , वे जबरदस्ती जमीन लेने गए थे हमने वापस दिलाया था. इस दौरान उन्होंने उत्तर बंगाल के विकास पर प्रकाश डाला.उन्होंने कहा कि तृणमूल काल में दक्षिण बंगाल के साथ-साथ उत्तर बंगाल ने भी समान रूप से प्रगति की. ममता ने यह भी कहा कि उन्होंने राज्य के लिए और अधिक निवेश करने की पहल की जा रही है. हमारा लक्ष्य बंगाल में ज्यादा उद्योग और रोजगार को बढ़ावा देना है.
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि उस वक्त मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने नैनो फैक्ट्री बनाने के लिए टाटा को सिंगूर की उपजाऊ जमीन दी थी. तत्कालीन विपक्षी नेता ममता बनर्जी ने उस जमीन को बचाने की लड़ाई में माकपा सरकार की नींव हिला दी थी. उपजाऊ भूमि पर कोई उद्योग नहीं किया जा सकता, तृणमूल की इस दृढ़ मांग के कारण टाटा समूह को अंततः सिंगूर की धरती छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था.गौरतलब है कि तृणमूल नेता ने 2011 में सिंगूर आंदोलन पर भरोसा करके राज्य विधानसभा में अपनी सीट का मार्ग प्रशस्त किया था.जैसा कि ममता ने वादा किया था, तृणमूल सरकार का पहला काम सिंगूर के किसानों को जमीन वापस करने के लिए कानून बनाना था. उनके मंत्रिमंडल की पहली बैठक में भी यह पहला फैसला था. हालांकि, ममता ने कहा कि सिंगूर से गुजरात जाने वाली टाटा की नैनो फैक्ट्री के लिए पूर्व वाम सरकार जिम्मेदार है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मानना है कि पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना है ताकि अधिक से अधिक लोगों को नौकरी मिल सकें. शिक्षकों की भर्ती में ‘भ्रष्टाचार’ और नौकरियों की मांग को लेकर आंदोलन की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में काम चल रहा है रोजगार को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है. हम किसी की नौकरी नहीं खाएंगे सबको नौकरी मिलेगी.
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