कोलकाताः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (24 जून) को दल्ली में गुपकार गठबंधन के साथ जब मीटिंग में व्यस्त थे, उसी दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की एक चिट्ठी मीडिया में सामने आयी. इसमें तृणमूल सुप्रीमो और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से कोवैक्सीन को मान्यता दिलाने की पहल करें.
ममता बनर्जी ने अपनी चिट्ठी में लिखा, मैं आपसे अपील करती हूं कि कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से मान्यता दिलाने की पहल करें, ताकि छात्रों को कोई समस्या न हो. यदि कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से मान्यता मिल जाती है, तो नौकरी, व्यापार, शिक्षा और अन्य कारणों से विदेश यात्रा करने वालों को भी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
West Bengal CM Mamata Banerjee writes to PM Modi, "I request for your kind intervention so that an early approval is received for COVAXIN from WHO & students do not face any problem. This will also benefit people traveling abroad for job, business, education &any other purpose" pic.twitter.com/SD6FQvlACj
— ANI (@ANI) June 24, 2021
गुरुवार को पीएम मोदी को लिखी गयी चिट्ठी में ममता बनर्जी ने कहा है कि उन्हें मालूम हुआ है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को मान्यता नहीं दी है. इसलिए कोवैक्सीन लेने वाले लोगों को कई देश अपने यहां आने से रोक रहे हैं, क्योंकि इनका कहना है कि डब्ल्यूएचओ से मान्यताप्राप्त वैक्सीन लेने वालों को ही अपने देश में प्रवेश देंगे.
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ममता बनर्जी ने आगे कहा है उच्च शिक्षा के लिए बहुत से विद्यार्थियों को विदेश जाना होता है. अपने देश में कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों वैक्सीन लोगों को दिये जा रहे हैं. कोवैक्सीन को चूंकि डब्ल्यूएचओ से मान्यता नहीं मिली है, इसलिए इस वैक्सीन को लेने वालों को विदेश यात्रा के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. तृणमूल सुप्रीमो ने कहा है कि कई देशों में कोवैक्सीन के सर्टिफिकेट को मान्यता नहीं दी जा रही है, जिससे विद्यार्थी परेशान हैं.
ममता ने कहा है कि कोवैक्सीन लेने वाले ऐसे विद्यार्थियों का करियर दांव पर लग गया है, जो विदेशों में पढ़ाई करने के इच्छुक हैं. इसलिए जरूरी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन से कोवैक्सीन को मान्यता दिलायी जाये, ताकि जिन लोगों ने यह टीका लिया है, उन्हें विदेश यात्रा के दौरान किसी की रोक-टोक का सामना न करना पड़े. यदि टीका को मान्यता मिल जायेगी, तो इससे समाज के हर वर्ग को फायदा होगा.
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Posted By: Mithilesh Jha