बंगाल में मुस्लिमों के बीच ही घिर गये ओवैसी, इमाम एसोसिएशन ने कहा, धर्म के आधार पर लोगों को बांट रहे AIMIM प्रमुख
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Election 2020) में 5 सीटें जीतने के बाद उत्साह से लबरेज ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 (West Bengal Election 2021) में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बेताब हैं. मुस्लिम (Muslim) बहुल 100 सीटों पर उनकी नजर है, लेकिन मुस्लिम संगठनों ने उनका विरोध शुरू कर दिया है.
कोलकाता : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में 5 सीटें जीतने के बाद उत्साह से लबरेज ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बेताब हैं. मुस्लिम बहुल 100 सीटों पर उनकी नजर है, लेकिन मुस्लिम संगठनों ने उनका विरोध शुरू कर दिया है.
बंगाल इमाम एसोसिएशन ने एआईएमआईएम सुप्रीमो ओवैसी पर आरोप लगाया है कि वह धार्मिक आधार पर लोगों को बांट रहे हैं. एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि ओवैसी बंगाली मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व नहीं करते. वह धर्म के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश करते हैं. इसलिए बंगाल में उनका विरोध किया जायेगा.
बंगाल इमाम एसोसिएशन के साथ-साथ उस फुरफुरा शरीफ ने भी ओवैसी के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है, जिसके हाथों में वह अपनी पार्टी की बागडोर सौंपकर गये हैं. फुरफुरा शरीफ के पीरजादा त्वाहा सिद्दीकी ने उन्हें परोक्ष रूप से भाजपा का एजेंट करार दे दिया है. त्वाहा ने कहा है कि ओवैसी ने ऊपर में तो सफेद कपड़े पहन रखे हैं, लेकिन उसने अंदर जो चोला पहन रखा है, उसका रंग गेरुआ है.
इतना ही नहीं, त्वाहा सिद्दीकी ने तो फुरफुरा शरीफ के एक और पीरजादा अब्बास सिद्दीकी को मिथ्यावादी (झूठ बोलने वाला) और बेईमान तक कह दिया है. दरअसल, त्वाहा सिद्दीकी बुधवार को आरामबाग में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए. यहीं पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने ये बातें कहीं. त्वाहा सिद्दीकी ने कहा कि ओवैसी की भारतीय जनता पार्टी के साथ सांठगांठ है. उन्होंने अपने गेरुआ चोला को छिपा रखा है.
पीरजादा ने कहा कि यदि ओवैसी बाघ होते, तो चोरी-छिपे फुरफुरा शरीफ जाकर वहां से लौट नहीं जाते. उन्होंने यहां तक कहा कि फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी धर्म के नाम पर लोगों से पैसे की उगाही करते हैं. अपने इन क्रिया-कलापों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वह खुद को राजनीति में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.
त्वाहा ने कहा कि अब्बास सिद्दीकी से पहले फुरफुरा शरीफ के जो भी पीरजादा हुए, उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता की बात की. उन्होंने धर्म की बातें कीं. इस वक्त जो पीरजादा हैं, वे झूठ बोलते हैं. फुरफुरा शरीफ के पीरजादा कभी राजनीति में नहीं आये. उन्होंने कभी राजनीतिक बातें नहीं की. उन्होंने कहा कि बंगाल में सांप्रदायिक शक्तियों को पैर जमाने का कभी मौका नहीं मिलेगा. अब्बास सिद्दीकी और ओवैसी दोनों ‘बसंत के पंछी’ हैं. ये लोग बंगाल की शांति में खलल डालेंगे.
त्वाहा सिद्दीकी ने कहा कि फुरफुरा शरीफ उन्हीं लोगों का समर्थन करेगा, जो बंगाल में शांति एवं सौहार्द बनाये रखने में सक्षम होगी. जो सचमुच में ‘बाघ’ होगा, फुरफुरा शरीफ उसी का समर्थन करेगा. ज्ञात हो कि रविवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम या मिम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने फुरफुरा शरीफ जाकर अब्बास सिद्दीकी से मुलाकात की थी और कहा था कि उनकी पार्टी वही करेगी, जो अब्बास सिद्दीकी कहेंगे.
Posted By : Mithilesh Jha