कोलकाता (नवीन कुमार राय) : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही कांग्रेस और वामदलों के बीच मुर्शिदाबाद में सीटों के बंटवारे पर जंग छिड़ गयी है. इस जिले को लेकर इस गठबंधन में दरार पड़ती दिख रही है.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की मुर्शिदाबाद जिला इकाई की वजह से गठबंधन में दरार की नौबत आ गयी है. मुर्शिदाबाद में कांग्रेस 22 में से चार से अधिक सीट वाम मोर्चा को देने को तैयार नहीं है. वामपंथी इतने पर राजी नहीं हो रहे हैं.
वामपंथी चाहते हैं कि उन्हें कम से कम 6 सीटें मिलें, क्योंकि माकपा को यहां 4 सीटों पर चुनाव लड़ना है और सहयोगी दलों आरएसपी और फॉरवर्ड ब्लॉक को एक-एक सीट दी जायेगी. लेकिन, कांग्रेस चार से अधिक सीटें देने से हिचक रही है.
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सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस चार सीटों जलंगी, डोमकल, भगवानगोला और नवग्राम वाम दलों को देने के लिए तैयार है. वाम दलों ने इन चार सीटों के अलावा भरतपुर और रघुनाथगंज में भी अपना उम्मीदवार उतारने की इच्छा जतायी है.
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वाम मोर्चा के बीच गठबंधन हुआ था, लेकिन मुर्शिदाबाद की भरतपुर और रघुनाथगंज सीट पर दोस्ताना मुकाबला हुआ था. इस बार ऐसी नौबत न आये, इसलिए दोनों पक्ष लंबे समय से चर्चा के माध्यम से सीटों के बंटवारे की मांग कर रहे हैं.
कांग्रेस पहले से ही अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में हर ब्लॉक में भव्य जुलूस और रैलियां करके अपनी ताकत दिखा चुका है. उन्होंने कांग्रेस में नयी ऊर्जा डाल दी है. उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले माकपा के प्रमुख नेता पूर्व सांसद रामचंद्र डोम माकपा की जिला समिति के साथ चर्चा में बैठे थे.
रामचंद्र डोम ने कहा कि गठबंधन पर चर्चा हुई है. हम राज्य नेतृत्व को हर चीज के बारे में सूचित करेंगे. हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि गठबंधन के बारे में अभी भी बातचीत चल रही है. आपको सही समय पर पता चल जायेगा.
दूसरी ओर, तृणमूल जिला अध्यक्ष अबु ताहेर ने कहा कि हम वाम-कांग्रेस गठबंधन को अधिक महत्व देने से इच्छुक नहीं हैं. तृणमूल यहां हर सीट पर जीतेगी. वहीं, भाजपा जिला अध्यक्ष गौरी शंकर घोष ने कहा कि मुर्शिदाबाद में हमारा मजबूत संगठन है. पूरे राज्य में हम जिस तरह से चुनाव लड़ेंगे, उसी तरह से यहां भी लड़ेंगे.
वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में मुर्शिदाबाद की 22 सीटों में से कांग्रेस को 14, वाम मोर्चा को 4 और तृणमूल को 4 सीटों पर जीत मिली थी. चुनाव जीतने के बाद वाम मोर्चा और कांग्रेस के कई विधायकों ने पाला बदलकर तृणमूल का झंडा थाम लिया था. इसलिए कितनी सीटों पर कौन लड़ेगा, यह तय नहीं हो पा रहा है.
Posted By : Mithilesh Jha