कोलकाता (नवीन कुमार राय) : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) राम मंदिर निर्माण के लिए धन जुटाने के लिए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से चंदा मांगने जायेगा. परिषद के अखिल भारतीय कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि मुख्यमंत्री से लिखित अनुरोध किया गया है. अगर वह समय देती हैं, तो विहिप का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे नबान्न में मुलाकात करेगा.
आलोक कुमार ने कहा कि विहिप का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से आग्रह करेगा कि वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग दें. आलोक कुमार के नेतृत्व में विहिप के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की थी. विहिप ने दावा किया कि राज्यपाल ने मंदिर के निर्माण के लिए पांच लाख रुपये का चंदा दिया था.
उल्लेखनीय है कि दशकों की कानूनी जटिलताओं के बाद 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के निर्माण की अनुमति दे दी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त, 2020 को कोरोना काल में ही अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर की आधारशिला रखी थी. उसी दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूरे पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन की घोषणा की.
मुख्यमंत्री के इस फैसले के खिलाफ भाजपा सहित पूरा भगवा खेमा तृणमूल सुप्रीमो के विरोध में मुखर हो गया था. इस बार मंदिर के निर्माण के लिए वित्तीय मदद के लिए विहिप ममता बनर्जी से अनुरोध करेगा. 15 जनवरी से ही विहिप ने पूरे देश में राम मंदिर के निर्माण के लिए धन जुटाने का अभियान शुरू कर दिया है. अभियान 31 जनवरी तक चलेगा.
विहिप ने आर्थिक सहयोग लेने के लिए सभी राजनीतिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर आम आदमी तक से संपर्क करने का फैसला किया है. ऐसे में ममता बनर्जी से राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदा मांगने की प्रक्रिया को राज्य के राजनीतिक हलकों में कई नजरिये से देखा जा रहा है.
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ज्ञात हो कि ममता बनर्जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित पराक्रम दिवस के दौरान उनके भाषण से पहले जय श्रीराम का नारा लगा, तो वह गुस्से से तमतमा गयीं. प्रधानमंत्री को मंच से ही खरी-खोटी सुना दी. उनकी इस प्रतिक्रिया के बाद लोगों की नजर इस बात पर है कि ममता बनर्जी राम मंदिर के लिए चंदा देती हैं या नहीं.
Posted By : Mithilesh Jha