कोलकाता: पश्चिम बंगाल के जाने-माने अर्थशास्त्री और वित्त मंत्री अमित मित्रा की 10 वर्ष तक चली इनिंग्स अब खत्म हो सकती है. नवंबर तक छह महीने की मियाद पूर्ण होने के बाद वह मंत्री पद छोड़ सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, शारीरिक कारणों के चलते वह ऐसा करने वाले हैं और इस बाबत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जानकारी भी दे दी है. मंत्री पद छोड़ने के बाद विदेश में अपनी बेटी के साथ उनकी कुछ दिनों तक रहने की योजना है.
उल्लेखनीय है कि गत बंगाल विधानसभा चुनाव में वित्त मंत्री अमित मित्रा को टिकट नहीं दिया गया था. उनकी जगह खड़दह विधानसभा सीट से काजल सिन्हा चुनाव लड़े, लेकिन बाद में कोरोना से उनका निधन हो गया. श्री मित्रा ने तभी मुख्यमंत्री को स्पष्ट कर दिया था कि शारीरिक कारणों के चलते वह वित्त मंत्री बने नहीं रह सकते.
तृणमूल सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी ने श्री मित्रा को कहा था कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने पर कम से कम छह महीने तक वह वित्त मंत्री का दायित्व संभालें. इसके बाद नये वित्त मंत्री के नाम पर कोई फैसला लिया जायेगा.
गौरतलब है कि विधायक न होते हुए कोई भी व्यक्ति अधिकतम छह महीने तक ही मंत्री रह सकता है. ऐसे में अब सवाल उठता है कि अमित मित्रा के स्थान पर वित्त मंत्री किसे बनाया जाये.
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राज्य सचिवालय नबान्न के सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में ममता बनर्जी अभी तक फैसला नहीं कर सकी हैं. वह खुद इस मंत्रालय का दायित्व अपने हाथों में रख सकती हैं. लेकिन, ऐसी स्थिति में उनके खुद चुनाव जीतने तक मामला टल सकता है.
उपचुनाव अगर छह महीने के भीतर नहीं होता है, तो समूचा मामला अनिश्चित हो सकता है. यह भी विचार किया जा रहा है कि वित्त मंत्री नहीं रहने पर भी अमित मित्रा को मंत्रालय के सलाहकार के तौर पर रखा जा सकता है या नहीं.
Posted By: Mithilesh Jha