कालियागंज (बंगाल) : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने अपने अंदाज में जवाब दिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने राज्य में 119 शरणार्थी कॉलोनियों को नियमित कर दिया है. उन्होंने कहा है कि इन कॉलोनियों में रहने वाले सभी लोग भारतीय हैं. उनकी नागरिकता ‘नहीं छीनी जा सकती’.
ममता बनर्जी ने साथ ही कहा कि उन्हें नये सिरे से नागरिकता हासिल करने की जरूरत नहीं है. विभाजन और वर्ष 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तान से लाखों हिंदू और मुस्लिम विस्थापित होकर पश्चिम बंगाल आये थे.
ममता बनर्जी ने यहां एक जनसभा में कहा, ‘वे सभी भारतीय हैं. कोई भी शरणार्थियों की नागरिकता नहीं छीन पायेगा. उन्हें नये सिरे से नागरिकता देने की कोई आवश्यकता नहीं है. आप सभी इस देश के नागरिक हैं. भाजपा के झूठे बयानों से गुमराह न हों.’
उन्होंने कहा कि लोगों के पास आवासीय पते का सबूत, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड और उन्हें भाजपा के नागरिकता प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘आपने देखा कि वे सभी शरणार्थी, जो बांग्लादेश से आये, वे सभी नागरिक हैं. उन्हें नागरिकता मिली. आपको फिर से नागरिकता के लिए आवेदन देने की जरूरत नहीं है. आप प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री, जिला परिषद के चुनाव में अपने वोट दे रहे हैं. अब वे कह रहे हैं कि आप नागरिक नहीं हैं. आप सभी इस देश के मूल नागरिक हो.’
ममता ने कहा कि वह बंगाल से एक भी व्यक्ति को बाहर निकालने नहीं देंगी. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि उनकी सरकार पिछड़े वर्गों के विकास के लिए सब कुछ कर रही है. उन्होंने असम में भाजपा सरकार पर बड़ी संख्या में मूल बंगालियों, राजबंशी और मुस्लिम नागरिकों को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) से बाहर करने का भी आरोप लगाया.