उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है बंगाल, भाजपा को ये बात कर सकती है परेशान

bengal election 2021: पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए सबसे बड़ी परेशानी उसके पास मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा नहीं होना है. एक किताब में दावा किया गया है कि भगवा दल के पास ऐसा कोई नेता नहीं है, जिसकी लोकप्रियता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जैसी हो.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2021 6:33 PM

नयी दिल्ली/कोलकाता : इस साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए सबसे बड़ी परेशानी उसके पास मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा नहीं होना है. एक किताब में दावा किया गया है कि भगवा दल के पास ऐसा कोई नेता नहीं है, जिसकी लोकप्रियता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जैसी हो.

पत्रकार संबित पाल, अपनी किताब ‘द बंगाल कनन्ड्रमः द राइज ऑफ बीजेपी एंड फ्यूचर ऑफ टीएमसी’ में लिखते हैं कि भाजपा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किये बिना चुनावी समर में उतरी थी और उसे सफलता भी मिली थी, क्या यह बंगाल में मुमकिन है?

पश्चिम बंगाल उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है. प्रदेश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से लेकर कोरोना महामारी के आर्थिक प्रभाव तक पर विवाद है. ऐसे समय में इस साल अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा अपनी-अपनी रणनीतियां बनाने और उनमें अमल करने में जुटे हुए हैं.

Also Read: Bengal Chunav 2021: कोई राष्ट्रवादी व्यक्ति तृणमूल कांग्रेस में नहीं रह सकता, बंगाल में बोलीं स्मृति ईरानी

संबित पाल ने कहा, ‘2021 के विधानसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा की सबसे बड़ी परेशानी मुख्यमंत्री का चेहरा होगा. इसे लेकर पहले से ही अंदरूनी कलह चल रही है.’

उन्होंने पुस्तक में लिखा, ‘भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली, राज्यसभा के सदस्य एवं पत्रकार स्वपन दासगुप्ता और यहां तक कि रामकृष्ण मिशन के साधु स्वामी कृपाकरानंद का नाम भी मीडिया की खबरों में आ चुका है. त्रिपुरा और मेघालय के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व प्रदेश भाजपा प्रमुख तथागत रॉय ने भी खुले तौर पर मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनने की इच्छा जतायी है.’

भाजपा नहीं करेगा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का एलान

भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि पार्टी मुख्यमंत्री पद के लिए किसी उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं करेगी और विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री के चेहरे को सामने रखे बिना लड़ेगी. लेखक ने कहा, ‘बंगाल में भाजपा के पास ऐसा कोई नेता नहीं है, जिसकी लोकप्रियता ममता बनर्जी जैसी हो. टीएमसी जानती है कि यह उसके लिए फायदेमंद है.’

Also Read: West Bengal Election 2021 Live Breaking News: बंगाल सरकार की स्वास्थ्य योजना सिर्फ झांसा : राजीव बनर्जी

ब्लूम्सबरी इंडिया की ओर से प्रकाशित किताब में पाल लिखते हैं, ‘भाजपा, टीएमसी के भ्रष्टाचार, सिंडिकेट राज, भतीजा-राज (अभिषेक बनर्जी को निशाना बनाने के लिए), मुस्लिम तुष्टिकरण और ममता द्वारा एनआरसी-सीएए का विरोध करने का मुद्दा उठाने की तैयारी में हैं, जबकि ममता बनर्जी अपनी लोहा लेने वाली छवि और बंगाली भावना पर निर्भर कर रही हैं.’

लोकसभा चुनाव में मजबूत हुई भाजपा

लोकसभा के 2019 के चुनाव में बंगाल में भाजपा की सीटें 2 से बढ़कर 18 हो गयीं और उसका मत प्रतिशत 17 फीसदी से बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया. यह इजाफा महज चार साल में हुआ है. टीएमसी के सांसदों एवं विधायकों समेत कई नेताओं ने हाल में भाजपा का दामन थामा है.

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version