शिक्षक नियुक्ति घोटाला मामले में फिर जेल में ही पार्थ चटर्जी से हो सकती है पूछताछ

असल में जांच में ईडी को अर्पिता व पार्थ के बीच मिलीभगत की कई जानकारियां हाथ लगी हैं. वे वर्ष 2012 से संपर्क में थे. दोनों के नाम संयुक्त संपत्तियों का भी पता चला है. अर्पिता के पास 31 एलआइसी की पॉलिसी मिली हैं, जिनमें से कुछ में नॉमिनी के रूप में पार्थ चटर्जी का नाम शामिल होने की बात सामने आयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2022 2:03 PM
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पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के जरिये स्कूलों में हुई नियुक्तियों के घोटाले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. सूत्रों के अनुसार, इस मामले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी चटर्जी से फिर प्रेसिडेंसी संशोधनागार में ही पूछताछ कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि पूछताछ अगले सप्ताह हो सकती है. केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी अलीपुर केंद्रीय महिला संशोधनागार में पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी से पहले ही पूछताछ कर चुके हैं, जिनके ठिकानों से करीब 50 करोड़ रुपये जब्त किये गये थे.

ईडी और अर्पिता की मिलीभगत की कई जानकारियां मिलीं

असल में जांच में ईडी को अर्पिता व पार्थ के बीच मिलीभगत की कई जानकारियां हाथ लगी हैं. वे वर्ष 2012 से संपर्क में थे. दोनों के नाम संयुक्त संपत्तियों का भी पता चला है. अर्पिता के पास 31 एलआइसी की पॉलिसी मिली हैं, जिनमें से कुछ में नॉमिनी के रूप में पार्थ चटर्जी का नाम शामिल होने की बात सामने आयी है. इधर, पता चल रहा है कि वर्ष 2012 से पार्थ के जरिये अर्पिता को लगातार रुपये मिलते रहे हैं. हालांकि, रुपये क्यों मिलते थे, यह जांच का विषय है. फिलहाल, ऊपरोक्त मामले को लेकर ईडी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है.

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दमदम सेंट्रल जेल में फिर एक कैदी की मौत

कोलकाता से सटे दमदम संशोधनागार में 24 घंटे के भीतर फिर एक कैदी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी. मृतक की पहचान पंचम साव (55) के रूप में हुई है. वह नोआपाड़ा थाना अंतर्गत गारुलिया के मुस्लिमपाड़ा इलाके का निवासी था. जेल सूत्रों के अनुसार, 24 जून 2019 को नोआपाड़ा थाना क्षेत्र के 399/402/ईएस मामले में उसे सजा मिली थी. पुलिस ने उसे विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किया था. 29 जून 2019 को उसे दमदम जेल लाया गया था. शनिवार सुबह सेल नंबर 2/2 में बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा.

बीमारी के कारण मौत होने की आशंका

यह देख अन्य कैदियों ने जेल अधिकारियों को सूचना दी. डॉक्टर के पास ले जाया गया, तो उसे मृत घोषित कर दिया गया. इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सागर दत्ता अस्पताल भेज दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चलेगा. जेल सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक अनुमान है कि बीमारी के कारण मौत हुई है. बता दें कि शुक्रवार को संशोधनागार के परित्यक्त ऑपरेशन थियेटर के पिछले हिस्से में एक कैदी का शव फंदे से लटका मिला था. उसके गले में पट्टियां बंधी हुई थीं. मृतक की पहचान राहुल कुमार सिंह के रूप में हुई थी.

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