दो जुलाई को पहली बार ममता बनर्जी का होगा शुभेंदु अधिकारी से सामना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी का दो जुलाई को पहली बार आमना-सामना होगा.
कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी का दो जुलाई को पहली बार आमना-सामना होगा. दोनों विधानसभा में एक-दूसरे के खिलाफ खड़े नजर आयेंगे. दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा का बजट सत्र दो जुलाई को शुरू हो रहा है.
विधानसभा का सत्र राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अभिभाषण के साथ शुरू होगा. विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने यह जानकारी दी. विधानसभा सूत्रों ने कहा कि सत्र शुरू होने के अगले दिन या उससे एक दिन बाद बजट पेश किये जाने की उम्मीद है. सत्र की अवधि अभी तय की जानी है.
विमान बनर्जी ने कहा कि दो जुलाई को राज्यपाल के अभिभाषण के साथ पश्चिम बंगाल विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ होगा. हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि सत्र कब तक चलेगा. सत्र के दौरान सभी कोरोना नियमों का पालन किया जायेगा.
Also Read: फिर दिल्ली जा रहे हैं शुभेंदु अधिकारी, भाजपा और तृणमूल में अटकलों का बाजार गर्म
सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के मुख्य सचेतक निर्मल घोष के अनुसार, फरवरी के सत्र में राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा की तबीयत खराब होने के चलते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट पेश किया था, उसी तरह इस बार भी या तो मुख्यमंत्री या फिर संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी बजट पेश कर सकते हैं, क्योंकि मित्रा ऐसा करने में समर्थ नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि हालांकि, अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है. निर्मल घोष ने कहा कि 28 जून को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में बजट सत्र की अवधि तय किये जाने की उम्मीद है. पश्चिम बंगाल विधानसभा में पहली बार ममता बनर्जी और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी आमने-सामने होंगे.
Also Read: Mukul Joins TMC: शुभेंदु अधिकारी का नाम सुनते ही प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म करके चली गयीं ममता बनर्जी
एक समय ममता के करीबी माने जाने वाले शुभेंदु अधिकारी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गये थे. उन्होंने चर्चित नंदीग्राम सीट से 2000 से भी कम अंतर से मुख्यमंत्री को हरा दिया था. भाजपा 75 विधायकों के साथ विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल है.
वामदलों और कांग्रेस का सदन में कोई सदस्य नहीं
कांग्रेस और वाम दलों का मौजूदा विधानसभा में कोई सदस्य नहीं है. अप्रैल-मई में हुए चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की धमाकेदार जीत के बाद विधानसभा का यह पहला सत्र होगा. सत्र के दौरान मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच के संबंधों पर सबकी नजर रहेगी, क्योंकि शुभेंदु का नाम सुनते ही ममता का व्यवहार बदल जाता है.
Also Read: मुकुल रॉय की विधानसभा की सदस्यता खत्म कराने स्पीकर के पास पहुंचे शुभेंदु अधिकारी
Posted By: Mithilesh Jha