West Bengal News: गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक की तबीयत बिगड़ गई है. उन्हें चक्कर, मतली, उल्टी और बाएं हाथ की कमजोरी की शिकायत हो रही है, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. जानकारी के मुताबिक गिरफ्तारी वाले दिन, यानि 27 अक्टूबर को उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. बता दें कि वे राशन वितरण में कथित भ्रष्टाचार के मामले में वह 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में हैं. इधर मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंत्री और टीएमसी नेता ज्योतिप्रिय मल्लिक के बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए हैं. सूत्र के मुताबिक ईडी मंत्री से जुड़ी संपत्तियों को भी कुर्क करने की तैयारी में है.
बता दें कि ईडी ने पश्चिम बंगाल में कई करोड़ रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंत्री को 17-18 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद शुक्रवार तड़के धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद मलिक को मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया. फिर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया. मामले में ईडी की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस के मंत्री ने कहा, ‘‘मैं बहुत बड़ी साजिश का शिकार हुआ हूं.’’ इससे पहले बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूछताछ के दौरान मलिक को कुछ भी होने की स्थिति में पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की चेतावनी दी थी क्योंकि वह बीमार थे और उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियां थीं.
मालूम हो कि गिरफ्तारी के ठीक एक दिन पहले यानी 26 अक्टूबर को ज्योतिप्रिय मलिक के आवासों पर ईडी ने छापा मारा था. इस दौरान कुल 12 ठिकानों पर रेड पड़ी थी. मंत्री के घरों के अलावा ईडी उनके पर्सनल असिस्टेंट अमित दे के दमदम के नागेरबाजार इलाके में स्थित तीन फ्लैटों में भी पहुंची थी. सुबह करीब सात बजे ईडी के अधिकारियों की एक टीम साॅल्टलेक स्थित मंत्री के दो घरों में पहुंची. उनके साथ केंद्रीय बल के जवान भी थे. वहां तलाशी अभियान शुरू करने के कुछ देर बाद ही केंद्रीय जांच एजेंसी की एक अन्य टीम अम्हर्स्ट स्ट्रीट इलाके के बेनियाटोला लेन स्थित मंत्री मल्लिक के पैतृक आवास पहुंची. मौजूदा समय में मंत्री वहां नहीं रहते हैं, लेकिन उनके परिवार से जुड़े कुछ सदस्य वहां रहते हैं. सूत्रों के अनुसार, इडी के अधिकारी मंत्री के वित्तीय लेन-देन से संबंधित जानकारी जुटाने की कोशिश में जुटे थे. इस बाबत पूछताछ भी की गयी.
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