Monsoon Rain in Bengal, कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मॉनसून के इस सीजन में शुक्रवार को हुई मूसलाधार और लगातार बारिश (West Bengal Torrential Rain) से संबंधित घटनाओं में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गयी और 4 लापता हैं. बड़ी संख्या में कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा है. आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
एक दिन में पश्चिमी मेदिनीपुर में सबसे ज्यादा तीन लोगों की मौत की सूचना है. बांकुड़ा, उत्तर 24 परगना और उत्तर बंगाल के कलिम्पोंग में 2-2 लोगों की वर्षाजनित हादसों में मौत हुई है, जबकि बर्दवान, दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और मुर्शिदाबाद में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है. मृतकों में एक पांच साल का बच्चा भी शामिल है.
अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को शुरू हुई बारिश के बाद आसनसोल में मिट्टी से मकान की दीवार गिरने से पांच वर्षीय एक बालक की मौत हो गयी. हादसे में उसकी मां और बहन घायल हो गयीं. उन्होंने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले के रघुनाथगंज में दीवार गिरने की घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गयी.
बांकुड़ा जिले के सिमलापाल और सोनामुखी में दीवार गिरने की इसी तरह की घटनाओं में दो और लोगों की मौत हो गयी. इनमें से एक की पहचान अब्दुल वहाब खान (52) के रूप में हुई है. बोरपुकुरिया में एक महिला और उसके दो छोटे-छोटे बच्चे मलबे में दब गये. इन्हें मलबा से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में पांच वर्षीय निखिल बास्की को मृत घोषित कर दिया गया.
Also Read: दिल्ली-मुंबई से भी बुरा हाल कोलकाता का, डूबी पटरियां, ट्रेनें रद्द, बारिश से लोग बेहालअधिकारी ने बताया कि दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग ब्लॉक 2 में दीवार गिरने से एक और व्यक्ति की मौत हो गयी. हावड़ा के दासनगर में हेमंत सील (35) की करंट लगने से मौत हो गयी. भारी बारिश के कारण व्यक्ति के घर में पानी भर गया था. वह टीवी का स्विच ऑन करने गया और करंट की चपेट में आ गया. इतना ही नहीं, रघुनाथगंज में भारी बारिश की वजह से मिट्टी के 10 घर क्षतिग्रस्त हो गये.
मूसलाधार बारिश के कारण दक्षिण बंगाल के कई जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है और नदियों के उफान के साथ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के निचले इलाकों में पानी भर गया है. कई जगहों पर भू-स्खलन की घटनाएं हुईं.
कलिम्पोंग में एक भू-स्खलन की घटना में दो श्रमिकों की मौत हो गयी और कम से कम चार लोग अब भी लापता हैं. ये लोग मामखोला में सेवोक-रंगपो रेलवे प्रोजेक्ट के तहत बन रहे टनल में काम कर रहे थे. ये सभी आईटीडीसी कैंप का हिस्सा थे. भू-स्खलन में जिन दो श्रमिकों की जान गयी है, उनमें से एक की पहचान धन सिंह भंडारी (35) के रूप में हुई है.
Also Read: यश चक्रवात के बाद सुंदरवन पर बारिश का कहर, डायमंड हार्बर में बवंडर देख सहमे लोगउत्तर 24 परगना जिला के बनगांव में एक महिला और उसके बेटे की करंट लगने से मौत हो गयी. इनकी पहचान मीता (45) और रिषभ अधिकारी (22) के रूप में हुई है. मीता के पति तपन अधिकारी का आरोप है कि पावर लाइन में गड़बड़ी की वजह से उसकी पत्नी और बेटे की जान गयी. तपन ने कहा कि पहले रिषभ बिजली के संपर्क में आया और उसकी मां उसे बचाने गयी, तो वह भी अपनी जान गंवा बैठी.
पश्चिमी मेदिनीपुर में वर्षाजनित हादसों में तीन लोगों की मौत हो गयी. गड़बेता में दीवाल गिरने से पुष्पा रुईदास (55) की मृत्यु हो गयी, जबकि घाटाल के बीर सिंह गांव में पूर्ण चंद्र दास की विद्युत स्पर्शाघात से मौत हो गयी. घाटाल में ही मदन पात्रा (55) को सांप ने काट लिया, जिससे उसकी मौत हो गयी.
दासपुर के शीलावती नदी में एक मोटर बोट डूब गयी. इस बोट पर आठ लोग सवार थे. इनमें से कोई हताहत नहीं हुआ. बताया गया है कि सभी 8 यात्री तैरकर किनारे तक पहुंच गये.
पश्चिमी मेदिनीपुर में जिला प्रशासन ने 212 राहत शिविर शुरू किये गये हैं, जिसमें 12000 से अधिक लोगों ने शरण ले रखी है. केशपुर और मेदनीपुर को जोड़ने वाली सड़क पूरी तरह से जलमग्न हो गयी है. 172 ग्राम पंचायतों और सात नगरपालिकाओं में बाढ़ आ गयी है. 20 हजार से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं.
बांकुड़ा और झारग्राम के बीच की सड़क जलमग्न हो गयी है. जॉयपुर, कोतुलपुर और इंडास में सड़क का कोई अता-पता नहीं चल रहा है. बर्दवान जिला में भी बारिश का असर देखा जा रहा है. राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर स्थित घग्गर बाउरी मंदिर जलमग्न हो गया है, जबकि आसनसोल में कम से कम 50 मकान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये हैं.
Posted By: Mithilesh Jha