कोलकाताः बंगाल में आये यश चक्रवात के बाद खराब मौसम की वजह से समुद्र में जाने पर लगा प्रतिबंध हटा, तो मछुआरे हिल्सा मछली की तलाश में सागर में निकल पड़े. लेकिन, आये दिन मछुआरों के लापता होने व उनके ट्रॉलर के डूबने की घटनाएं सामने आ रही हैं. इसकी वजह से मछुआरों के परिवार पर संकट आन पड़ी है.
बुधवार को पता चला है कि हिल्सा मछली की तलाश में समुद्र में गया मछुआरों का एक ट्रॉलर डूब गया. उस पर सवार नामखाना के 10 मछुआरे लापता हैं. घटना बकखाली में रक्तेश्वरी -चार के पास हुई. लापता मछुआरों की तलाश जारी है. बताया गया है कि डूबे हुए ट्रॉलर के दो मछुआरों को आसपास के अन्य मछुआरों ने मिलकर बचा लिया.
सूत्रों के अनुसार, ट्रॉलर में सवार 12 मछुआरों में से दो लोगों को बचा लिया गया, लेकिन 10 मछुआरों की तलाश अब भी जारी है. वेस्ट बंगाल फिशरमैन एसोसिएशन के सचिव विजन माइती ने बताया कि “एफबी हैंबती” नाम का ट्रॉलर पांच दिन पहले नामखाना के फ्रेजरगंज तटीय थाना के दश माइल घाट से 12 मछुआरों को लेकर हिल्सा पकड़ने के लिए रवाना हुआ था.
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ट्रॉलर कुछ दिनों तक समुद्र में मछली पकड़ने के बाद लौट रहा था. बुधवार सुबह सभी लोग ट्रॉलर के केबिन में आराम कर रहे थे. अन्य दो लोग ट्रॉलर पर केबिन के बाहर थे. बंगाल की खाड़ी में रक्तेश्वरी चार के पास अचानक समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगीं. ट्रॉलर बकखाली से 20 किलोमीटर दूर रक्तेश्वरी चार के पास पलट गया.
ट्रॉलर पर सवार 12 में से 2 लोगों को बचा लिया गया. 10 लोगों का अब तक कोई अता-पता नहीं है. श्री माइती ने कहा कि अभी हिल्सा सीजन शुरू ही हुआ है. उन्होंने मत्स्य विभाग को मामले की जानकारी दे दी है. ट्रॉलर को किनारे पर लाकर पता करने की कोशिश की जा रही कि कोई मछुआरा उसमें फंसा तो नहीं है.
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सुंदरवन के एसपी भास्कर मुखर्जी ने बताया कि लापता मछुआरों की तलाश में पुलिस, कोस्ट गार्ड्स और फिशरमैन एसोसिएशन की टीम जुटी हुई है. अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है. इससे पहले भी 18 जून को एक ट्रॉलर डूब गया था. हालांकि, उस समय सभी मछुआरों को बचा लिया गया था.
Posted By: Mithilesh Jha