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Bengal News: ED को अनुब्रत मंडल के खाते से मिली 77 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति, गौ तस्करी से की थी कमाई

ईडी को तृणमूल कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अनुब्रत मंडल के खाते से 77 करोड़ 56 लाख रुपये क् संपत्ति मिली, जो टीएमसी अध्यक्ष ने गौ तस्करी कर अवैध रूप से कमाई थी. ईडी ने अपनी चार्जशीट में अनुब्रत मंडल के अवैध कमाई का पूरा उल्लेख किया है.

बीरभूम, मुकेश तिवारी. पश्चिम बंगाल के बीरभूम में गौ तस्करी का फैला नेटवर्क और कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीरभूम जिले में गौ तस्करी अब भी जारी है. जिस गौ तस्करी मामले में ईडी ने बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार कर उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया, उसी गौ-तस्करी के अवैध कमाई का उल्लेख ईडी ने अपने चार्जशीट में किया है.

अनुब्रत मंडल के सभी बैंक अकाउंट फ्रिज

जिस अनुब्रत मंडल की बीरभूम जिले में तूती बोलती थी, आज उसी बीरभूम जिले में तृणमूल बिखर रही है. लेकिन इसके बाद भी जिले में गौ तस्करी का अवैध काला कारोबार चल रहा है. ईडी ने अनुब्रत मंडल के सभी बैंक अकाउंट को फ्रिज कर दिया है. इस बाबत कई गुमनाम खाते भी ईडी के हाथ लगे थे. उक्त खातों के मार्फत गौ तस्करी का करोड़ों-करोड़ों रुपया आता था.

अनुब्रत मंडल ने गौ तस्करी से कमाए थे 77 करोड़ 56 लाख रुपये

ईडी ने चार्जशीट में जिक्र किया है कि अनुब्रत मंडल के विभिन्न खातों से गौ तस्करी के मार्फत कमाए गए 77 करोड़ 56 लाख रुपये की संपत्ति मिली है. यह अब तक की गणना के मुताबिक मिली राशि है. पहले ईडी ने 29 करोड़ रुपए का एस्टीमेट दिया था. तब केंद्रीय एजेंसी ने 204 पेज की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में 48 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पाए जाने का जिक्र किया था.

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केंद्रीय एजेंसी की चार्जशीट में उल्लेख

बताया जाता है कि अनुब्रत ने किसी सेक्टर में जो 48 करोड़ रुपए अपनी जेब में डाले थे, उसका हिसाब भी ईडी ने दिया है. केंद्रीय एजेंसी की चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि अनुब्रत के खाते में 12.80 करोड़ रुपये से अधिक की नकद जमा की गई थी. उनकी बेटी और पत्नी के नाम पर कंपनियों के नाम से 20 करोड़ 77 लाख रुपए की संपत्ति खरीदी गई है. अनुब्रत को उन कंपनियों से लाभांश के रूप में पांच करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए थे. बेनामी खाते में करीब छह करोड़ रुपए आए थे. उनके खाते में लॉटरी का पैसा भी आया.

अनुब्रत मंडल ने नहीं जीती थी लॉटरी

हालांकि, केंद्रीय एजेंसी पहले ही कोर्ट को बता चुकी है कि अनुब्रत मंडल ने यह लॉटरी नहीं जीती थी, बल्कि लॉटरी जीतने वालों को डराकर टिकट ले लिया और अपने नाम कर लिया था. अनुब्रत मंडल ने काले धन को सफेद करने की रणनीति के तौर पर लॉटरी को चुना था. गौ-तस्करी का कच्चा पैसा अनुब्रत मंडल अपने बैंक खाते में मंगवाता था. ईडी ने दावा किया कि अनुब्रत द्वारा की गई कार्रवाई नई थी.

सभी रुपयों को अपने भंडारगृह में किया था एकत्र

हालांकि, कई लोगों के इस्तेमाल के बावजूद ज्यादा पैसा उनके करीबियों के नाम नहीं है. अनुब्रत मंडल ने उन सभी रुपयों को अपने भंडारगृह में एकत्र किया था. चार्जशीट में ईडी ने यह भी कहा कि 2017-18 तक अनुब्रत मंडल अपने कुछ करीबी लोगों के नाम पर पैसे रखे, लेकिन 2019 के बाद से कोई जोखिम नहीं उठाया. नकद, जमीन, राइस मिलों की खरीद – सब अपनी, पत्नी और बेटी के नाम पर किया.

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किसी पर भी खास भरोसा नहीं करते थे अनुब्रत

सूत्रों का कहना है की अनुब्रत मंडल किसी पर भी खास भरोसा नहीं करते थे. यही कारण है की गौ तस्करी की काली कमाई को उन्होंने अन्य स्थानों को खरीदने में इंवेस्ट करना शुरू कर दिया था.

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