बंगाल : पुलिस अधीक्षक के नाम पर फर्जी फेसबुक अकाउंट, धोखाधड़ी, दो आरोपी गिरफ्तार
दोनों आरोपी उनके नाम पर फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों को मैसेज भेज रहे थे. जिसमें कहा जा रहा था वह एक सेना के अधिकारी हैं और अपना कीमती फर्नीचर बेचना चाह रहे हैं. इस विषय में उन्होंने कुछ फोटो भी अपलोड किया था. इसके बाद कुछ लोगों ने जब इसमें दिलचस्पी दिखायी.
पुरुलिया जिला पुलिस अधीक्षक अभिजीत बनर्जी का फेक फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों से धोखाधड़ी कर रुपये वसूलने के आरोप में पुरुलिया साइबर क्राइम के पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने गिरफ्तार एक आरोपी का नाम राहुल घटक बताया है जो उत्तर 24 परगना जिले के हाबरा थाना क्षेत्र का रहने वाला है. दूसरा आरोपी शांतो माझी है. हालांकि दोनों का मूल घर झारखंड में बताया गया है. पिछले कुछ वर्षों से वे हाबरा में ही रह रहे हैं. जिला पुलिस अधीक्षक अभिजीत बनर्जी ने बताया कि उनके नाम पर एक फेसबुक अकाउंट बनाया गया था. इस विषय में जैसे ही उन्हें जानकारी प्राप्त हुई उन्होंने 31 अगस्त को इस मामले में पुरुलिया साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी. उसके बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी उनके नाम पर फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों को मैसेज भेज रहे थे. जिसमें कहा जा रहा था वह एक सेना के अधिकारी हैं और अपना कीमती फर्नीचर बेचना चाह रहे हैं. इस विषय में उन्होंने कुछ फोटो भी अपलोड किया था. इसके बाद कुछ लोगों ने जब इसमें दिलचस्पी दिखायी तो किसी से 10 हजार तो किसी से 20 हजार रुपये एडवांस के तौर पर ले लिया, उन्होंने धोखाधड़ी कर उनसे रुपया वसूला. इसकी पूरी डिटेल उन्हें प्राप्त हुई है. इसके बाद साइबर क्राइम की पुलिस ने इन दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है.
उत्तर 24 परगना के रहने वाले हैं दोनों आरोपी
रविवार को इन्हें पुरुलिया जिला अदालत में पेश किया गया. जहां उनकी जमानत नामंजूर हो गयी और उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. जिला पुलिस अधीक्षक का मानना है कि इसमें एक बड़ा गिरोह शामिल है. जिसके तार राजस्थान, महाराष्ट्र के साथ-साथ कई अन्य राज्यों से जुड़े हुए हैं. इस पूरे विषय की छानबीन की जा रही है. साथ-साथ उन्होंने आवेदन भी किया है कि इस तरह के किसी भी व्यक्ति के फेस फेसबुक अकाउंट से अगर कोई सहायता या रूपयों की मांग की जाती है तो पहले उस व्यक्ति से संपर्क करें वरना धोखाधड़ी के शिकार होने की संभावना है. ऐसी किसी घटना की जानकारी मिलते ही तुरंत साइबर क्राइम थाने को जानकारी देनी चाहिए.