Uttarakhand Glacier Disaster: ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में काम करने गये बंगाल के 4 युवक लापता
Uttarakhand Glacier Disaster: उत्तराखंड में आयी तबाही पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर के महिषादल के लिए भी चिंता लेकर आयी. इस हादसे में बंगाल के 4 युवक लापता हो गये. लापता सभी चार युवक पूर्वी मेदिनीपुर जिला के महिषादल थाना क्षेत्र में स्थित लक्षा ग्राम पंचायत के निवासी हैं. west bengal youth missing in uttarakhand glacier disaster.
Uttarakhand Glacier Disaster, West Bengal News: महिषादल (रंजन माइती) : उत्तराखंड में आयी तबाही पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर के महिषादल के लिए भी चिंता लेकर आयी. इस हादसे में बंगाल के 4 युवक लापता हो गये. लापता सभी चार युवक पूर्वी मेदिनीपुर जिला के महिषादल थाना क्षेत्र में स्थित लक्षा ग्राम पंचायत के निवासी हैं.
सुदीप गुड़िया (27) महिषादल के चकद्वारीबेड़िया गांव का रहने वाला है, तो लालू जाना और बुलू जाना टेंगराखाली गांव के निवासी हैं. बताया गया है कि सुदीप, लालू और बुलू समेत 8 युवक दो साल पहले उत्तराखंड में वेल्डर का काम करने के लिए गये थे.
इनमें से 4 लोग एक महीना पहले घर लौट आये. सुदीप गुड़िया को भी 12 फरवरी को अपने घर लौटना था. शनिवार को उसने फोन पर परिवार के सदस्यों से बातचीत की थी. रविवार सुबह 9 बजे वह काम पर चला गया. दोपहर में टीवी पर लोगों ने उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद दो पावर प्रोजेक्ट की तबाही की खबर सुनी.
इसके बाद से ही गुड़िया एवं जाना परिवार के लोगों की चिंता बढ़ गयी. सभी ने अपने परिजनों से बात करने के लिए फोन लगाया. लेकिन, किसी की बात नहीं हो पायी. लालू ने रविवार सुबह 8 बजे अपने पिता से फोन पर बात की थी. उसके बाद से उससे भी किसी का संपर्क नहीं हो पाया.
ग्लेशियर टूटने के बाद मची भारी तबाही में 100 से ज्यादा मजदूर धौली गंगा की तेज धार में बह गये. अभी भी काफी संख्या में लोग लापता हैं. इन्हीं में महिषादल के सुदीप गुड़िया समेत 4 युवक शामिल हैं. परिजनों ने बताया कि सुदीप गुड़िया उत्तराखंड के ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में काम करने के लिए वहां गया था.
शनिवार की रात को आखिरी बार परिवार के लोगों के उसकी फोन पर बातचीत हुई थी. उत्तराखंड में मची तबाही के बाद से सुदीप समेत सभी 4 लोगों के परिजन परेशान हैं. अपने बच्चे के स्वस्थ होने और उनके लौट आने की ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं.
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सुदीप के परिजनों ने सोमवार को ‘प्रभात खबर’ को बताया कि रविवार को हुए हादसे के बाद से उससे किसी भी तरह से संपर्क नहीं हो पा रहा है. परिवार के सदस्यों ने उससे फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन अब तक संपर्क नहीं हो पाया है.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि दुर्घटना के बाद जब धौली गंगा का वेग कम हुआ, तो राहत एवं बचाव कार्य तेजी से शुरू किया गया. टनल में फंसे कई लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया. आइटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान अब भी राहत एवं बचाव कार्य कर रहे हैं.
ज्ञात हो कि उत्तराखंड के इस भयावह हादसे में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोग लापता हैं. रविवार को जोशीमठ के तपोवन क्षेत्र में नंदा देवी ग्लेशियर के टूटने से चमोली जिला में अलकनंदा और धौलीगंगा नदियों में बाढ़ आ गयी, जिसमें दो पावर प्लांट पूरी तरह से तबाह हो गये.
Posted By : Mithilesh Jha