कोलकाता. विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में दुआरे सरकार शिविर की शुरुआत की थी और राज्य के सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को फिर से सत्ता में वापस लाने में इस योजना की महत्वपूर्ण भूमिका थी, क्योंकि इस योजना की वजह से जहां एक ओर राज्य के लोगों तक सरकारी सेवाओं का लाभ पहुंंचा था, वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ पार्टी का जनसंपर्क और मजबूत हुआ था. विधानसभा चुनाव की भांति अब पंचायत चुनाव के पहले भी तृणमूल कांग्रेस सरकार ऐसा ही मास्टर स्ट्रोक मारने जा रही है.
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से गुरुवार को राज्य के सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों में ऐसी योजना की शुरुआत की जा रही है, जिसके माध्यम से राज्य सरकार की विभिन्न सरकारी सेवाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाया जायेगा. राज्य सरकार ने राज्य के आम, गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को विभिन्न सरकारी सेवाएं देने के लिए नौ फरवरी को एक विशेष कार्यक्रम शुरू कर रही है, जो राज्य की 294 विधानसभाओं के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ आयोजित की जायेगी. स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हावड़ा के पांचला से राज्य व्यापी कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगी.
इसके साथ ही राज्य की 294 विधानसभाओं के इस कार्यक्रम में सत्ता पक्ष के विधायक हिस्सा लेंगे और सरकारी सेवाओं का लाभ उपभोक्ताओं को सौंपेंगे. उन विधानसभाओं में जहां तृणमूल विधायक नहीं हैं, पार्टी के महापौर और पंचायत प्रमुख बीडीओ की उपस्थिति में यह कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा. इस संबंध में कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘मेरे विधानसभा क्षेत्र खड़दा के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में दो कार्यक्रम होंगे. मैं ग्रामीण क्षेत्रों में उपस्थित रहूंगा. मैंने मुख्यमंत्री को सूचित कर दिया है.’ ऐसा ही हाल बरानगर के विधायक तापस राय का है. उन्होंने कहा कि वह भी अपने विधानसभा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में पंचायत चुनाव सत्तारूढ़ दल के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि, स्वास्थ्य, पशुपालन, लघु एवं मध्यम उद्योग, लोक स्वास्थ्य एवं प्रौद्योगिकी तथा लघु सिंचाई जैसे विभागों को युद्धकालीन स्तर पर परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए कहा गया है. इसमें छोटी-छोटी पक्की सड़कों के निर्माण, पेयजल, बिजली और सिंचाई को प्रमुखता दी गयी है. राज्य चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, राज्य में अप्रैल के अंत या मई के मध्य में पंचायत चुनाव होने की संभावना है. ऐसे में राज्य सरकार चुनाव अधिसूचना प्रकाशित करने से पहले इस काम को पूरा करना चाहता है.