Loading election data...

चार लोगों के कंधे से ऐसे उतरी गर्भवती महिला, जन्म लेते ही नवजात ने तोड़ा दम

west bengal Pregnant women descended from the shoulders of four people the newborn died after being born : उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाकों में अस्पताल की कोई व्यवस्था ना होने से एक मां को अपने नवजात बच्चे को खोना पड़ा. उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाके से कंधे पर लादकर एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को बचाया नहीं जा सका.दुनिया देखने के पहले ही दुधमुंहे ने अलविदा कह दिया. यह हृदयविदारक घटना अलीपुरदुआर जिले के कालचीनी ब्लॉक स्थित बक्सा पहाड़ के लेपचाखा गांव की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2021 2:00 PM

अजय साह : उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाकों में अस्पताल की कोई व्यवस्था ना होने से एक मां को अपने नवजात बच्चे को खोना पड़ा. उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाके से कंधे पर लादकर एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को बचाया नहीं जा सका.दुनिया देखने के पहले ही दुधमुंहे ने अलविदा कह दिया. यह हृदयविदारक घटना अलीपुरदुआर जिले के कालचीनी ब्लॉक स्थित बक्सा पहाड़ के लेपचाखा गांव की है. यहां स्वास्थ्य सेवा केंद्र नहीं होने से एक मां ने अपने बच्चे को खो दिया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को पहाड़ के लेपचाखा गांव निवासी सायजन दुकपा (25) को प्रसव पीड़ा शुरू हुई. हालांकि पहाड़ पर स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने पर परिवार वाले बांस का स्ट्रक्चर तैयार कर गर्भवती महिला को पहाड़ से नीचे उतारा. ये नाजार ऐसा था मानों किसी को अंतिम विदाई दी जा रही हो. हालांकि पहाड़ पर लोगों की हालत ऐसी ही हैं. पहाड़ के दुर्गम रास्ते से होते हुए लगभग 4 – 5 घंटे कड़ी मशक्कत के बाद गर्भवती महिला को पहाड़ के जीरो प्वाइंट तक लाया गया.

Also Read: Bengal News: कूचबिहार में आग लगने से 30 दुकान जलकर राख, करीब 50 लाख के नुकसान का अनुमान

गर्भवती महिला को वहां से कालचीनी के उत्तर लताबाड़ी ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया. हालांकि उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे तुरंत अलीपुरदुआर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां मृत नवजात को महिला ने जन्म दिया. दुधमुंहे ने दुनिया देखने से पहले इस दुनिया को अलविदा कह दिया. इस घटना से पीड़िता तथा उसके परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा और सभी बिलख-बिलख कर रोने लगे. इस घटना पर पीड़ित परिवार के सदस्यों का कहना है यही हमारी जिंदगी है. इसी तरह का दुःख झेलकर हमें जिंदगी गुजारनी पड़ती है.

गर्भवती महिला ने यह भी आरोप लगाया, जब वोट आता ही तो सभी नेता हमारे गांव में आकर झूठे आश्वासन देते हैं. मगर हमारी समस्या का कोई भी समाधान नहीं करता. उन्होंने कहा हमारे गांव में अगर स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक होती तो शायद आज हमें ये दिन नहीं देखना पड़ता. बता दें कि अलीपुरदुआर जिले के कालचीनी ब्लॉक स्थित बाक्सा पहाड़ पर कई इलाकों में लोग बसे है. पहाड़ पर चुनाभाटी, सदर बाजार, लेपचाखा, उचुलुंग, ताशीगांव,आदमा समेत 11 गांव बसे हुए हैं.

Also Read: Bengal Election 2021: बीरभूम में बीजेपी बूथ अध्यक्ष के घर के पास से बाल्टी भरा बम बरामद, इलाके में मचा हड़कंप

यहां खासकर डुपका जनजाति के लोग निवास करते हैं.लगभग हजार लोगों की आबादी वाला यह गांव काफी पिछड़ा हुआ है. यहां ना तो कोई स्वास्थ्य केंद्र है और ना ही अच्छी सड़क मार्ग हैं. सरकार के लाख दावें के वाबजूद सदियों से यहां के लोगों को आने – जाने के लिए काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. आज भी लगभग 2600 फुट ऊंचे इस दुर्गम इलाके में पैदल ही एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए लोगों को मजबूर होना पड़ता है. ऐसे में कोई अगर बीमार पड़ जाए या कोई इमरजेंसी आ जाये तो फिर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता हैं.

हाड़ से उतरकर 2600 फुट नीचे संतलाबाड़ी जाने के लिए किसी के कंधे का सहारा लेना पड़ता हैं.फिर वहां से गाड़ी की व्यवस्था कर उन्हें अस्पताल ले जाया जाता है. इस घटना को लेकर बक्सा पहाड़ के लोगों का भी यही कहना है कि ऐसी परिस्थिति में जीवन जीने के लिए वो मजबूर हैं. हमारे लिए अस्पताल की व्यवस्था ना होना बहुत गंभीर समस्या है. कुल 11 गांवों के बीच एक भी चिकित्सा केंद्र अब तक नहीं बन पाया है. हमारे गांवों में ना तो वाहन की सुविधा है और ना ही इलाज की कोई व्यवस्था है.

Also Read: Bengal Election 2021: खड़गपुर में भाजपा समर्थकों को TMC कार्यकर्ताओं ने पीट कर किया जख्मी

स्थानीय लोगों का आरोप है यहां कोई मेडिकल शाॅप भी नहीं है. पहाड़ पर इसके कारण सबसे अधिक समस्या गर्भवती महिला को लेकर होती हैं. इससे पहले भी कई बार कई मरीजों ने अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही दम तोड़ दिया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि लंबे समय से हमारी मांग रही है बक्सा पहाड़ इलाके में स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया जाए ताकि 11 गांव के लोगों को इलाज को लेकर कोई समस्या ना हो.

Posted by : Babita Mali

Next Article

Exit mobile version