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West Bengal News: TMC विधायक के ठिकानों पर छापे, वित्तीय अनियमितता के मामले में कसा शिकंजा

आयकर विभाग ने बुधवार को ही कोलकाता के मौलाली स्थित एक होटल में भी छापेमारी की है. बताया जा रहा है कि वह होटल भी सत्तारूढ़ दल से जुड़े एक नेता का है.

आयकर विभाग ने वित्तीय अनियमितता के एक मामले की जांच के तहत कोलकाता व मुर्शिदाबाद में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की है. सूत्रों के अनुसार, बुधवार की सुबह करीब 11 बजे आयकर विभाग के अधिकारियों का दल तीन वाहनों में सवार होकर मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज के गोविंदपुर इलाका स्थित बीड़ी बनाने के एक कारखाने में पहुंचा. आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान भी थे. अधिकारियों ने कारखाने में की गयी छापेमारी के दौरान वहां रखे वित्तीय संबंधी दस्तावेजों की जांच भी की.

पांच से अधिक व्यवसायियों के ठिकानों पर भी पड़े छापे

कारखाने के अलावा मुर्शिदाबाद स्थित एक चावल मिल में भी आयकर विभाग के अधिकारियों ने अभियान चलाया. बताया जा रहा है कि कारखाना व चावल मिल जंगीपुर के विधायक व तृणमूल कांग्रेस के नेता जाकिर हुसैन के हैं. बुधवार को ही सूती में बीड़ी व्यवसाय से जुड़े पांच से अधिक व्यवसायियों के ठिकानों भी छापेमारी की गयी है.

केंद्र सरकार पर TMC नेताओं पर दबाव बनाने का आरोप

आयकर विभाग ने बुधवार को ही कोलकाता के मौलाली स्थित एक होटल में भी छापेमारी की है. बताया जा रहा है कि वह होटल भी सत्तारूढ़ दल से जुड़े एक नेता का है. छापेमारी को लेकर विधायक जाकिर हुसैन से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है. आयकर विभाग के अभियान के बारे में कमरहट्टी के विधायक व तृणमूल कांग्रेस के नेता मदन मित्रा ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि “पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल के नेताओं पर केंद्रीय एजेंसी द्वारा दबाव बनाने की कोशिश जारी है. केंद्रीय सरकार बंगाल को उसके बकाये राशि का भुगतान नहीं कर रही है, लेकिन तृणमूल नेताओं पर दबाव बनाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे है.”

धनशोधन मामले की जांच के तहत कोलकाता में भी इडी का छापा

बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) विधायक हसन मुशरीफ और अन्य के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत महाराष्ट्र में अलग-अलग जगहों के साथ ही कोलकाता में भी एक परिसर में छापेमारी की. केंद्रीय एजेंसी से जुड़े सूत्रों की मानें, तो यहां बेंटिंक स्ट्रीट स्थित एक कंपनी के कार्यालय में इडी के अधिकारी पहुंचे और छापेमारी की. आशंका है कि यह किसी शेल कंपनी का कार्यालय है. करीब दो वर्ष पहले यह कार्यालय जिस कंपनी के नाम किराये पर लिया गया था, वो कंपनी अब मौजूद नहीं है.

जांच में जुटे ईडी के अधिकारी

इडी के अधिकारी यह पता लगा रहे हैं कि यह कार्यालय किसने लिया था और यहां क्या काम होता था. बुधवार को सुबह से ही मुशरीफ से जुड़ी कुछ चीनी मिलों के संचालन में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में इडी ने मुंबई, पुणे व कोल्हापुर के परिसरों में छापेमारी की. मालूम रहे कि हसन मुशरीफ कोल्हापुर की कागल सीट से राकांपा के विधायक हैं. वह पार्टी के उपाध्यक्ष भी हैं. मुशरीफ ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर अपने समर्थकों से उनके रिश्तेदारों, बेटी व कुछ सहकारी चीनी मिलों के परिसरों में की जा रही कार्रवाई में बाधा नहीं देने का संदेश दिया है.

विधायक पर लगे आरोप पर कोर्ट ने लगाई रोक

मीडिया के समक्ष विधायक हसन मुशरीफ ने कहा कि आयकर विभाग ने वर्ष 2019 में उनके खिलाफ छापेमारी की थी. उन पर दो आरोप लगे थे – एक स्वामित्व व कुछ कंपनियों से संबंध होने के बारे में और दूसरा बेनामी संपत्ति से जुड़ा था. उन्होंने दावा किया कि दोनों मामलों में कार्रवाई पर कोर्ट की रोक है. सुप्रीम कोर्ट ने बीते वर्ष फैसला सुनाया था कि बेनामी लेन-देन विरोधी कानून को पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया जा सकता. इस आदेश पर केंद्र सरकार ने हाल में पुनर्विचार करने की अपील दायर की है.

भाजपा के आरोपों को राकांपा नेता ने किया खारिज

भाजपा नेता किरीट सोमैया ने वर्ष 2021 में आरोप लगाया था कि पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री (मुशरीफ) अपने परिजनों और कंपनियों के जरिये ‘बेनामी’ संस्थाओं पर अपना स्वामित्व बना कर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. तब इन आरोपों को राकांपा ने खारिज कर दिया था.

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