कोलकाता (विकास कुमार गुप्ता): फर्जी वैक्सीनेशन कैंप लगाने वाले फर्जी आईएएस अधिकारी देबांजन देव के बाद कोलकाता पुलिस ने एक विजिलेंस ऑफिसर को गिरफ्तार किया है. उसका नाम मोहम्मद आसिफ-उल-हक है. नीली बत्ती लगी एक कार को देखकर ट्रैफिक पुलिस के सर्जेंट को शक हुआ, तो उसने आसिफ-उल को हिरासत में लेकर पूछताछ की और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
कोलकाता पुलिस ने बुधवार (30 जून) को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि मंगलवार (29 जून) की शाम को करीब 6:30 बजे ड्यूटी के दौरान सार्जेंट अभिषेक कुमार सिन्हा ने 89/ए, शेक्सपीयर सरणी में एक लाल रंग की हुंदई कार देखी. आइ10 मॉडल की कार (WB02Z-0262) पर नीली बत्ती, हूटर और झंडा देख उसे रोका.
ईस्ट टीपी गार्ड के सार्जेंट श्री सिन्हा ने कार को रोका, तो पाया कि उसमें एक 26 साल का युवक बैठा है. उसने अपना नाम मोहम्मद आसिफ-उल-हक बताया. उसने बताया कि वह 94/2, कोलिन स्ट्रीट का रहने वाला है. सार्जेंट ने उसे कार से उतारकर पूछताछ शुरू की, तो उसने बताया कि वह सेंट्रल विजिलेंस में काम करता है.
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सार्जेंट अभिषेक कुमार सिन्हा को उस पर शक हुआ. शक के आधार पर उन्होंने आसिफ-उल-हक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की. पूछताछ में वह बार-बार खुद को सेंट्रल विजिलेंस का अधिकारी बताता रहा. बाद में इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया.
उसकी कार पर सेंट्रल विजिलेंस कमीशन का स्टिकर लगा था. उसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. साथ ही उसकी कार पर लगी नीली बत्ती और हूटर के अलावा कार की डैश बोर्ड पर लगा भारत का झंडा भी जब्त कर लिया गया है. उसके खिलाफ आइपीसी की धारा 170 के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी गयी है.
Posted By: Mithilesh Jha