कोलकाताः लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शानदार प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाने वाले मुकुल रॉय अब भगवा दल को बंगाल में तगड़ा झटका देने वाले हैं. चार साल तक बीजेपी के लिए काम करने वाले मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस में वापसी कर ली है और अब वह भाजपा को कमजोर करने के लिए चक्रव्यूह रचने में व्यस्त हो गये हैं.
बताया जा रहा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद तृणमूल कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को भगवा दल में लाने वाले मुकुल रॉय अब भाजपा में तोड़फोड़ करने की तैयारी में जुट गये हैं. भाजपा में काम कर रहे अपने करीबी नेताओं और विधायकों से वह टेलीफोन पर लगातार संपर्क में हैं. बताया जा रहा है कि कम से कम 24 विधायक मुकुल के साथ हैं, जो कभी भी पाला बदल सकते हैं.
मुकुल रॉय का दावा तो यहां तक है कि कम से कम 30 विधायक और 3 सांसद भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थामने के लिए तैयार हैं. बंगाल चुनाव 2021 से ऐन पहले बड़े पैमाने पर तृणमूल कांग्रेस छोड़कर लोग भाजपा में शामिल हुए थे. चुनाव परिणाम आशा के अनुरूप नहीं आये और ममता बनर्जी एक बार फिर सत्ता में लौटीं.
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ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सत्ता में वापसी के साथ ही भाजपा में भागकर आये टीएमसी के नेता अब अपनी पुरानी पार्टी में लौटने को बेताब हैं. कई लोगों ने बाकायदा लिखित आवेदन तक दिया है. कुछ लोगों ने पाला बदलने के लिए पार्टी सुप्रीमो से माफी मांगी है. वहीं, कुछ ऐसे नेता भी हैं, जो ममता के करीबी नेताओं के जरिये पैरवी लगा रहे हैं.
हालांकि, ममता बनर्जी ने मुकुल रॉय की तृणमूल में वापसी के दिन ही कहा था कि वह गद्दारों और मीरजाफरों को पार्टी में वापस नहीं लेंगी. साथ ही यह भी संकेत दिये थे कि तृणमूल के प्रति सहानुभूति रखने वाले नेताओं को पार्टी में लिया जा सकता है. ममता ने खुद कहा था कि हां, अभी कई और लोग भाजपा छोड़कर तृणमूल में शामिल होंगे.
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मुकुल रॉय ने कहा है कि फोन पर वह बीजेपी के कई नेताओं के संपर्क में हैं. बंगाल में चुनाव के बाद हो रही हिंसा की शिकायत के लिए जब बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचा, तो 77 में से सिर्फ 51 विधायक ही थे. इसके बाद से ही अटकलें लगने लगीं कि 24 विधायक तृणमूल में शामिल हो सकते हैं.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि मुकुल रॉय कभी ममता बनर्जी के बाद तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो की हैसियत रखते थे. वर्ष 2017 में ममता से मनमुटाव के बाद वह भगवा दल में शामिल हो गये थे. 10 जून 2021 को जब उन्होंने घरवापसी की, तो ममता ने कहा कि मुकुल की पार्टी में वही हैसियत होगी, जो पहले हुआ करती थी.
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मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव हुआ करते थे. बंगाल की राजनीति का उन्हें चाणक्य माना जाता था. ममता बनर्जी से मतभेदों के चलते फरवरी, 2015 में पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव के पद से हटा दिया. काफी दिनों तक पार्टी में अलग-थलग रहने के बाद नवंबर, 2017 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया.
बंगाल से ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ भाजपा में शामिल होने वाले मुकुल रॉय अब उसी बीजेपी को बर्बाद करने में जुट गये हैं. बंगाल चुनाव में 200 से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाने का ख्वाब देखने वाली भाजपा 77 सीटों पर सिमट गयी और मुकुल रॉय अपनी पुरानी पार्टी में लौट गये. कई और विधायक और सांसद तृणमूल में लौटने की जुगत लगा रहे हैं.
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Posted By: Mithilesh Jha