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West Bengal: सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए एक नवबंर से फिर लगेगा पाड़ाय समाधान व दुआरे सरकार शिविर

पश्चिम बंगाल के लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार फिर से दुआरे सरकार व पाड़ाय समाधान शिविर लगायेगी.पाड़ाय समाधान शिविर 15 नवंबर तक और दुआरे सरकार शिविर 30 नवबंर तक चलेगा. इस शिविर के आयोजन को लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2022 11:22 AM

West Bengal News: पश्चिम बंगाल के लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार फिर से दुआरे सरकार व पाड़ाय समाधान शिविर लगायेगी. इस बार 20 प्रतिशत शिविर मोबाइल यानी चलायमान होंगे. राज्य सचिवालय नबान्न से मिली जानकारी के अनुसार, एक नवंबर से दोनों शिविर लगाये जायेंगे. पाड़ाय समाधान शिविर 15 नवंबर तक और दुआरे सरकार शिविर 30 नवंबर तक चलेगा. शिविरों को लेकर राज्य सचिवालय से जिलाधिकारियों व जिला पुलिस अधीक्षकों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किया गये हैं.

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शिविर में 16 विभागों की 25 योजनाओं के लिए होगा पंजीकरण

इस शिविर में राज्य सरकार के 16 केंद्रक विभागों को शामिल करते हुए लगभग 25 सरकारी योजनाओं में पंजीकरण के लिए अन्य सेवाएं दी जायेंगी. इन योजनाओं में लक्ष्मी भंडार, रूपश्री, खाद्य साथी, कन्याश्री, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, स्वास्थ्य साथी, जाति प्रमाण पत्र आदि शामिल हैं. गौरतलब है कि दुआरे सरकार के शिविर में पहली बार मछुआरों का भी पंजीकरण होगा. मछुआरों को उनके आवेदनों की जांच के बाद पंजीकरण संख्या के साथ एक फोटो पहचान पत्र दिया जायेगा. पंजीकृत मछुआरों को राज्य सरकार विभिन्न सुविधाएं देगी . इस बाबत राज्य के मत्स्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मछली उत्पादन में बंगाल को पूरे देश में एक नंबर पर ले जाना चाहती हैं और हम इस दिशा में हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. शिविरों के जरिये मछुआरों को क्रेडिट कार्ड भी बांटे जायेंगे.

सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल वैन से लगेंगे चलायमान शिव

जानकारी के अनुसार, आदिवासी क्षेत्रों सहित जिलों के दूर-दराज के इलाकों में मोबाइल वैन के माध्यम से दुआरे सरकार शिविर लगाये जायेंगे. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने पहली बार दिसंबर 2020 में दुआरे सरकार शिविर की शुरुआत की थी और नवंबर में लगनेवाले शिविर दुआरे सरकार का पांचवां संस्करण होगा. पिछले संस्करणों में 8.09 करोड़ से अधिक लोग शिविरों में आये थे और यहां से 5.59 करोड़ लोगों को सेवाएं दी गयी थी. बताया गया है कि आठ नवंबर और 15 नवंबर को क्रमश: गुरु नानक जयंती और बिरसा मुंडा जयंती पर शिविर नहीं लगेंगे.

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