पंचायत चुनाव में हिंसा : बीजेपी का कोलकाता में प्रदर्शन, नंदकुमार में BJP समर्थक को पुलिस ने बर्बरता से पीटा
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग हो गयी, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य के कई इलाकों में रविवार को भी हिंसा जारी रही. गाड़ियों में आग लगा दी गयी. भाजपा ने कोलकाता में चुनाव आयोग के कार्यालय पर प्रदर्शन किया. पूर्वी मेदिनीपुर में पुलिस ने भाजपा समर्थक को बर्बरता से पीटा.
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में 10 लोगों की मौत के विरोध में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजधानी कोलकाता में राज्य निर्वाचन आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया. दूसरी तरफ, पूर्वी मेदिनीपुर के नंदकुमार में पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया. न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें दिख रहा है कि भाजपा के एक कार्यकर्ता को पुलिस वाले बर्बरता से पीट रहे हैं.
नंदकुमार में भाजपा कार्यकर्ता की बेरहमी से पिटाई
एएनआई के मुताबिक, यह वीडियो नंदकुमार ब्लॉक के श्रीकृष्णपुर का है. पंचायत चुनाव के दौरान यहां एक बूथ पर कथित तौर पर मतदान के दौरान रिगिंग हुई थी, जिसका विरोध करने के लिए भाजपा कार्यकर्ता पहुंचे थे. यहां पुलिस वालों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. एक व्यक्ति को चारों ओर से घेरकर पुलिस ने लाठी से बड़ी बेरहमी से पीटा है.
#WATCH | Police baton charge BJP workers protesting against alleged ballot rigging at Srikrishnapur in Nandakumar block of East Medinipur, following voting in West Bengal Panchayat polls yesterday pic.twitter.com/5pSiXng7M8
— ANI (@ANI) July 9, 2023
कांग्रेस कार्यकर्ता के परिजनों से मिले अधीर रंजन चौधरी
उधर, पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को मुर्शिदाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ता के परिजनों से मुलाकात की, जिसकी पंचायत चुनाव के दौरान 8 जुलाई को हिंसा में मौत हो गयी. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘कल यहां एक 62 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी गयी. हत्या का उद्देश्य यह था कि इन्हें मार कर 3-4 बूथ पर कब्जा किया जा सके.’
तृणमूल और पुलिस ने कोई फर्क नहीं : अधीर रंजन
अधीर रंजन ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी कहीं नहीं दिखेंगी, राज्य चुनाव आयोग कहीं नहीं दिखेंगे. बंगाल में और कितने लोग मारे जाएंगे? चुनाव से पहले-चुनाव के बाद हिंसा जारी रहती है. तृणमूल और पुलिस दोनों में कोई फर्क नहीं है, जो काम तृणमूल नहीं कर पाती है, वह पुलिस कर देती. इस हत्या के खिलाफ हम सड़क और कोर्ट तक जायेंगे, हम आंदोलन करेंगे.’
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