बंगाल पंचायत चुनाव हारने का TMC को सता रहा डर, छपवाए फर्जी बैलेट पेपर, बीरभूम में बोले BJP सांसद दिलीप घोष

बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने अतिरिक्त मतपत्र छपवाए हैं. उन्होंने दावा किया कि अगर बूथ पर केंद्रीय बल नहीं होगा तो तृणमूल कांग्रेस वोट लूट लेगी. डर के मारे सरकारी कर्मचारी वोट देने नहीं जायेंगे. अतिरिक्त मतपत्र छपवाकर वोट डाले जाएंगे और अब इसी तरह से तृणमूल जीतना चाहती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2023 6:47 PM
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बीरभूम (पश्चिम बंगाल), मुकेश तिवारी: इस बार भी तृणमूल कांग्रेस पंचायत चुनाव जीतने के लिए कोई न कोई षड्यंत्र करेगी. इस बार पता चला है कि तृणमूल कांग्रेस ने पंचायत चुनाव जीतने के लिए फर्जी मतपत्र (बैलेट पेपर) छपवाये हैं. ये कहना है भाजपा के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष तथा सांसद दिलीप घोष का. वे रविवार को बीरभूम जिले के तारापीठ में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. दिलीप घोष दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को बीरभूम में वोट के लिए चुनाव प्रचार करने आये हैं.

टीएमसी को पंचायत चुनाव हारने का सता रहा डर

बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने साफ तौर से कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने अतिरिक्त मतपत्र छपवाए हैं. उन्होंने दावा किया कि अगर बूथ पर केंद्रीय बल नहीं होगा तो तृणमूल कांग्रेस वोट लूट लेगी. डर के मारे सरकारी कर्मचारी वोट देने नहीं जायेंगे. अतिरिक्त मतपत्र छपवाकर वोट डाले जाएंगे और अब इसी तरह से तृणमूल जीतना चाहती है. दिलीप घोष दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को बीरभूम में वोट के लिए चुनाव प्रचार करने आये हैं. आज रविवार की सुबह से ही उनका विभिन्न चुनावी प्रचार कार्यक्रम तय था. सुबह नौ बजे वह तारापीठ चौराहे पर चाय चक्र में शामिल हुए. वहां पत्रकारों के सवालों का जवाब देने के क्रम में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि भाजपा के पास कोई अपराधी नहीं है. कोई आश्रयदाता नहीं है. जब तृणमूल के पास इतनी अच्छी छत्रछाया है तो उन्हें हमारी शरण क्यों लेनी चाहिए? सभी तृणमूल की शरण में हैं. वे अलग-अलग पार्टियों के रूप में लड़ रहे हैं. हर जगह तृणमूल आपस में लड़ रही है. चुनाव लड़कर तृणमूल नहीं जीत सकती. इस बार तृणमूल हारेगी. इसलिए पंचायत खोने का डर तृणमूल को सता रहा है.

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जबरदस्ती वोट डालने की हो रही कोशिश

दिलीप घोष ने भांगर का जिक्र करते हुए कहा कि वहां मुसलमान हैं. दो समुदाय के लोग आपस में बंटे हुए हैं. वे एक दूसरे को मार रहे हैं. ममता बनर्जी ने इस उत्पात को अंजाम देने के लिए शौकत मोल्ला को जेड श्रेणी की सुरक्षा के साथ भेजा है. सड़क पर बम और बंदूकें निकल गई हैं. जबरदस्ती वोट डालने की कोशिश की जा रही है. शनिवार को तारापीठ में तृणमूल कार्यकर्ता सम्मेलन में मंत्री फिरहाद हकीम ने दावा किया था की 2024 में बीजेपी केंद्र की सत्ता में नहीं रहेगी. फिर जो लोग आज विपक्ष के नेताओं को जेल में डाल रहे हैं, वे जेल जायेंगे. इस सवाल के जवाब में दिलीप घोष ने कहा कि क्या तृणमूल 2024 तक बचेगी? क्या वह 2024 देखेगी? पहले 23 तो बीत जाने दीजिए. इसमें देखा जाएगा कि कितने लोग जेल का चावल खाते हैं और कितने लोग घर का चावल खाते हैं. हम 2024 का हिसाब समझ लेंगे.

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