शिक्षा आयोग गठित करने की योजना, निजी स्कूलाें पर नियंत्रण चाहती है पश्चिम बंगाल सरकार
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निजी नर्सिग होम और अस्पतालों को रेगुलेट करने के लिए हेल्थ रेगुलेटरी कमीशन का गठन किया है. इसके बाद ही मुख्यमंत्री ने शिक्षा आयोग के गठन की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करने के लिए कहा है.
राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों पर नियंत्रण व निगरानी के लिए स्वास्थ्य आयोग का गठन किया है. अब सरकार यहां के निजी शिक्षण संस्थानों पर भी नियंत्रण व निगरानी करना चाहती है. इसके लिए राज्य सरकार ने शिक्षा आयाेग गठित करने की योजना बनायी है. बताया गया है कि इसे लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने मुख्यमंत्री का ध्यानाकर्षण किया है. राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री से कहा है कि राज्य के कई स्कूल सरकारी निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं. इसके बाद ही मुख्यमंत्री ने शिक्षा आयोग के गठन की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करने के लिए कहा है.
इसे लेकर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से कहा है कि निजी स्कूलों के नियमन के लिए ‘शिक्षा आयोग’ का गठन किया जा सकता है या नहीं, इसे लेकर विशेषज्ञों की राय ली जाये और अगर ऐसा संभव है, तो इसके गठन की प्रक्रिया शुरू की जाये. गौरतलब है कि निजी स्कूलों के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गयी हैं. कभी अत्यधिक शुल्क वसूलना, तो कभी सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन न करना. अब राज्य सरकार निजी अस्पतालों व नर्सिग होम की भांति निजी स्कूलों पर नियंत्रण के लिए शिक्षा आयोग गठित करने की कवायद शुरू की है.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निजी नर्सिग होम और अस्पतालों को रेगुलेट करने के लिए हेल्थ रेगुलेटरी कमीशन का गठन किया है. कई लोगों ने निजी अस्पतालों व नर्सिग होम के खिलाफ विभिन्न मुद्दों को लेकर आयोग से शिकायत की और उन्हें न्याय भी मिला. महामारी के दौरान बेड रेंट से लेकर ऑपरेशन के खर्च तक सब कुछ आयोग तय करता है. इस बार स्वास्थ्य आयोग की तरह ही शिक्षा आयोग बनाने की कवायद शुरू हो गयी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी को भी ऐसा करने का निर्देश दिया है.
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बताया गया है कि दो मई से राज्य के स्कूलों में ग्रीष्मावकाश होगा. पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री ने भीषण गर्मी को देखते हुए एक सप्ताह के अवकाश की घोषणा की थी. यह भी आरोप है कि कई निजी स्कूलों ने इसे नहीं माना था. हालांकि, इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने आयोग गठित करने पर विचार करने के लिए कहा था. 2021 में विधानसभा चुनाव के दौरान इसे लेकर काफी चर्चा हुई थी, हालांकि तब बात आगे नहीं बढ़ पायी थी.