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West Bengal: एनकाउंटर में भाई की मौत का बदला लेने के लिए आतंकी बना था कुरैशी

एसटीएफ सूत्रों के अनुसार पूर्व सिमी नेता अब्दुल रकीब कुरैशी से पूछताछ में पता चला कि वह 2016 तक सिमी की विचारधारा में था, लेकिन उसी साल नवंबर से उसने उग्रवादी विचारधारा में विश्वास करना शुरू कर दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 13, 2023 11:29 AM

कोलकाता के अलावा मध्य प्रदेश से कोलकाता पुलिस के एसटीएफ के हाथों गिरफ्तार संदिग्ध आइएस आतंकियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को काफी अहम जानकारी मिली हैं. एसटीएफ सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार अब्दुल रकीब कुरैशी ने पुलिस एनकाउंटर में अपने भाई की मौत के बाद बदला लेने के लिए आतंकी संगठन ज्वाइन किया था. वह इसके लिए देश भर में हमले की साजिश रच रहा था.

इस सिलसिला में अब्दुल कुरैशी ने दिल्ली के नोयडा में मोहम्मद सद्दाम और सइद अहमद के साथ एकाधिक बार बैठक की थी. नौकरी के सिलसिले में मोहम्मद सद्दाम नोएडा में ही रहता था. इसी क्रम में सद्दाम वहां पर अपना स्थायी ठिकाना बनाने की कोशिश कर रहा था.

अब्दुल रकीब कुरैशी का भाई भी था सिमी का सक्रिय सदस्य

एसटीएफ सूत्रों के अनुसार पूर्व सिमी नेता अब्दुल रकीब कुरैशी से पूछताछ में पता चला कि वह 2016 तक सिमी की विचारधारा में था, लेकिन उसी साल नवंबर से उसने उग्रवादी विचारधारा में विश्वास करना शुरू कर दिया. उसका एक भाई, जिसे वह अजहर कहकर बुलाता था, पुलिस अजहर को अमजद के नाम से जानती थी. मध्य प्रदेश पुलिस ने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में कुरैशी के भाई अजहर उर्फ अमजद समेत सिमी आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया था. 31 अक्तूबर 2016 को सिमी के आठ सदस्य मध्य प्रदेश के भोपाल सेंट्रल जेल से फरार हो गये थे. उन पर अहमदाबाद में सीरियल ब्लास्ट, करीम नगर, पुणे, चेन्नई में ब्लास्ट और तोड़फोड़ का आरोप लगा था. इन मामलों में गिरफ्तार आठ आतंकियों ने एक जेलर का गला काट दिया था. इसके बाद जेल से फरार होने के कुछ ही घंटों में पुलिस ने उन्हें भोपाल के बाहरी इलाके अचारपुरा गांव में ढूंढ निकाला और एंकाउंटर में आठों को मार गिराया था. इनमें कुरैशी का भाई भी शामिल था.

जानें कुरैशी ने क्या कहा

कुरैशी का कहना है कि वह अपने भाई की मौत के ‘सदमे’ को सहन नहीं कर सका. इसके बाद कुरैशी ने 2009 में एक राजनीतिक हस्ती की हत्या का प्रयास किया. इसके बाद कुरैशी को दो सिमी नेताओं के साथ पकड़ा गया. फिर 2019 में जेल से बाहर आने के बाद वह पूर्ण रूप से उग्रवादी बन गया. सद्दाम की कुरैशी से मुलाकात फेसबुक ग्रुप में हुई थी. इसके बाद वीडियो कॉल में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने लगा. कुरैशी के बारे में जांच करने पर एसटीएफ सूत्रों को पता चला कि वह वर्ष 2009 में कत्ल की कोशिश के एक मामले में गिरफ्तार होकर 10 वर्ष तक सजा काटने के बाद वह 2019 में जेल से रिहा हुआ था. जेल में रहने के दौरान वर्ष 2014 में अदालत में पेशी के दौरान उसने कई बार तालिबान से जुड़ी नारेबाजी करता था. जेल से रिहा होने के बाद आइएस से जुड़कर वह देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो चुका था. वह अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए विभिन्न राज्यों में आइएस मॉड्यूल तैयार करना चाहता था.

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