नबान्न अभियान : एक्शन में बंगाल पुलिस, कैलाश, मुकुल, दिलीप समेत कई बीजेपी नेताओं पर एफआइआर
कोलकाता पुलिस एवं हावड़ा कमिश्नरेट ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय, राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, सांसद लॉकेट चटर्जी, सांसद अर्जुन सिंह, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष भारती घोष, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार, राकेश सिंह समेत अन्य भाजपा नेताओं और समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
कोलकाता : भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की ओर से गुरुवार को किये गये ‘नबान्न अभियान’ के दौरान अशांति फैलाने एवं तोड़फोड़ किये जाने पर पुलिस ने कड़ा एक्शन लिया है. इस मामले में कोलकाता पुलिस एवं हावड़ा कमिश्नरेट ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय, राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, सांसद लॉकेट चटर्जी, सांसद अर्जुन सिंह, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष भारती घोष, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार, राकेश सिंह समेत अन्य भाजपा नेताओं और समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
इन पर कोरोना प्रोटोकाल का उल्लंघन करने, पुलिसकर्मियों के काम में बाधा पहुंचाने व उन पर हमला करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत अन्य आरोप लगाये गये हैं. महानगर के हेस्टिंग्स, नॉर्थ पोर्ट थाने और हावड़ा जिले के हावड़ा, सांतरागाछी थाने में शिकायतें दर्ज करायी गयी हैं.
बता दें कि राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या, लचर कानून व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर गुरुवार को भाजयुमो ने नबान्न अभियान का आह्वान किया था. इस दौरान पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर ममता सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया था. कोलकाता में प्रदर्शनकारियों को हिंसक होते देख उन्हें रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा.
क्या है आरोप : पुलिस के काम में बाधा पहुंचाना, हमला करना, कानून तोड़ना, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, कोरोना प्रोटोकाल का उल्लंघन आदि.
इधर, ममता बनर्जी के खिलाफ बंगाल के राज्यपाल भी खुलकर विरोध में आ गये है उन्होंने कहा कि बंगाल में जो कुछ भी हो रहा है, वह लोकतंत्र नहीं है. मीडियाकर्मियों को बंगाल में कोई स्वतंत्रता नहीं है. उन्होंने कहा कि दिल्ली से बंगाल के किसानों को लिए सीधे उनके बैंक अकाउंट में पैसा भेजने की योजना बनायी गयी थी, लेकिन राज्य सरकार ने उसमें भी अड़ंगा डाल दिया. राज्य सरकार नहीं चाहती है कि किसानों को केंद्र से 12 हजार का सहयोग मिले. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केवल राजनीतिक लाभ के लिए किसानों के पेट पर लात मार रही है.
Post by : pritish Shaya