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West Bengal: प्रभात खबर संवाद में बोले सेंट जेवियर्स के VC- यूनिवर्सिटी का नया कैंपस 2025 में बन कर होगा तैयार

सेंट जेवियर्स के वाइस चांसलर ने बताया कि पढ़ाई में अनुशासन, जीवन में अनुशासन ही हमारा मूल मंत्र है. पढ़ाई के बिना कोई उन्नति नहीं है, यही सिखाया जाता है, हमारा संस्थान प्रोफिट ओरियेन्टेड संस्थान नहीं है.

पूरे विश्व में सेंट जेवियर्स क्वालिटी एजुकेशन के लिए जाना जाता है. संस्थान के एल्युमनाई भी कई सामाजिक कार्यों के जरिये व्यापक रूप से जुड़े रहते हैं. अब यूनिवर्सिटी में नये कोर्स शामिल हो रहे हैं. साथ ही उसका विस्तार भी हो रहा है. यूनिवर्सिटी का नया कैंपस ईएम बाइपास पर बनने जा रहा है, जिसका काम शुरू है. यह 2025 तक बन जायेगा. साथ ही यहां स्पोर्ट्स एकेडमी शुरू की जा रही है, बिल्डिंग तैयार की जा रही है. कैंपस में एडमिनिस्ट्रेटिव व आईटी कोर्स भी जल्द शुरु किये जायेंगे. यह जानकारी संवाददाता भारती जैनानी से हुई विशेष बातचीत में सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर फादर डॉ फेलिक्स राज ने दी. प्रस्तुत है, उनसे बातचीत के मुख्य अंश-

पूरे विश्व में सेंट जेवियर्स कॉलेज व यूनिवर्सिटी विख्यात है, इसके पीछे कारण क्या है?

सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी विश्व में विख्यात है, यह हम बोल नहीं सकते लेकिन हमारा एक ग्लोबल ब्रांड है, क्योंकि शिक्षा के क्षेत्र में विश्व में हमारी कई शाखाएं हैं. हम उत्कृष्ट शिक्षा में विश्वास रखते हैं. वैल्यु एजुकेशन शिक्षा के साथ छात्रों की पर्सनल ग्रोथ पर हम फोकस करते है. केवल पढ़ाई नहीं, छात्रों को सांस्कृतिक व मानवीय मूल्यों की शिक्षा दी जाती है. किसी से तुलना नहीं कर सकते हैं, लेकिन हम अपना बेस्ट देने की कोशिश करते हैं. फेथ इन गॉड में हम यकीन रखते हैं. हम सभी स्टेकहोल्डर्स को साथ लेकर चलते हैं. साथ ही स्टूडेंटस फ्रेंडली यूनिवर्सिटी बनाते हैं. इसमें पूर्व छात्रों का भी काफी सहयोग रहता है, उनके सहयोग से हमारी यूनिवर्सिटी मजबूत बनती है.

विद्यार्थियों को क्या अतिरिक्त सुविधाएं देते हैं, जो उनको आकर्षित करती हैं?

पढ़ाई में अनुशासन, जीवन में अनुशासन ही हमारा मूल मंत्र है. पढ़ाई के बिना कोई उन्नति नहीं है, यही सिखाया जाता है, हमारा संस्थान प्रोफिट ओरियेन्टेड संस्थान नहीं है. हमारे कॉलेज व यूनिवर्सिटी रिलीजियस ग्रुप के द्वारा चलाये जाते हैं, जो शिक्षा व मानवीय सेवा के प्रति समर्पित हैं. जो जैस्विट हैं, वो रिलीजियंस हैं, उनके पास व्यक्तिगत रूप से कुछ भी नहीं होता है. मैं रिलीजियस हूं, एक प्रीस्ट हूं, मेरे पास बैंक अकाउंट नहीं है, लैंड या ओनरशिप नहीं है,क्योंकि मैं एक प्रीस्ट हूं.. हमारा रिलीजियस ग्रुप है, जो सेंट जेवियर्स को चला रहा है. यह एक नॉन प्रोफिट आर्गेनाइजेशन है. जो पैसा आता है, उससे छात्रों को कई सुविधाएं दी जाती हैं. होस्टल, क्लास, स्पोर्ट्स हर तरह की अच्छी सुविधा दी जाती है. पढ़ने के लिए जो सुविधा चाहिए, सभी दी जाती है. हमारे छात्रों को यहीं ट्यूटोरियल व रेमेडियल क्लास दी जाती है, उनको ट्यूशन की जरूरत नहीं पड़ती है.

पूरे विश्व में आपके एल्युमनाई संस्थान से जुड़े हैं, मदद करते हैं, आपका क्या कहना है?

जो छात्र यहां से पढ़कर गये हैं, उनको अहसास है कि हम यहां से बहुत कुछ पाये हैं. हमारे जेवेरियंस (पूर्व छात्र) के मन में संस्थान के प्रति निष्ठा और लगाव है. हम उनको जुड़ाव सिखाते हैं. सेंट जेवियर्स कॉलेज व यूनिवर्सिटी, उनके लिए दूसरा घर है. हमारे कई पूर्व छात्रों एल एन मित्तल, आर एस अग्रवाल, आर एस गोयनका, सुदीप जालान, संजीव गोयनका ने व्यक्तिगत व एल्युमनाई एसोसिएशन के रूप में बहुत मदद की है. हमारे 2,000 एल्युमनाई हैं, जो विश्व में फैले हुए हैं. वे खुद भी सक्रिय हैं और उनको हर गतिविधि में भाग लेने के लिए आमंत्रित भी किया जाता है.

आने वाली पीढ़ी के लिए क्या नये कोर्स हैं या नयी योजना है ?

यूनिवर्सिटी में आर्ट्स, कॉमर्स में यूजी व पीजी स्तर के कोर्स के अलावा जेवियर लॉ स्कूल भी चल रहा है, जहां बीए एलएलबी (ऑनर्स) और बी.कॉम एलएलबी (ऑनर्स) पढ़ाया जाता है. इसके अलावा जेवियर बिजनेस स्कूल में एमबीए कोर्स की सुविधा है. अब इसका विस्तार किया गया है. साइकोलॉजी, एरोनैटिक्स, अप्लाइड कम्प्यूटर साइंस, अप्लाइड मैथेमेटिक्स जैसे कोर्स शुरु किये गये हैं. इसके साथ ही यहां स्पोर्ट्स एकेडमी शुरु की जा रही है, इसके लिए बिल्डिंग तैयार की जा रही है. कैंपस में एडमिनिस्ट्रेटिव व आईटी कोर्स भी शीघ्न शुरु किये जायेंगे.

एक वाइस चांसलर के रूप में आपके सामने क्या चुनौतियां हैं?

वाइस चांसलर होना ही एक चुनौती है, यह कोई प्रोब्लम नहीं है. संस्थान को चलाना, यह एक सुखदायी चुनौती है. यह देश की तरक्की, समाज के उत्थान के लिए अच्छा है. वैसे देखा जाये तो सब जगह समस्या है लेकिन एक साथ मिलकर, प्रजातांत्रिक पद्धति से किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है. टीम स्प्रिट होगी या जहां टीम वर्क चलेगा, सब अच्छा होगा. इसी भावना व एप्रोच के साथ काम करता हूं. सबको साथ लेकर चलने और ट्रांसपैरेंसी रखकर चलने में विश्वास करता हूं. जीवन खुद एक चुनौती है.

यूनिवर्सिटी के कामकाज और सोशल वर्क या मानवीय सेवाओं के बीच किस तरह तालमेल रखते हैं?

यह यूनिवर्सिटी जेस्विट यूनिवर्सिटी है. हम वैल्यु बेस्ड पद्धति से काम करते हैं. कोई लड़का-लड़की पढ़ना चाहते हैं, उनको हम लोग स्कॉलरशिप देकर भी पढ़ाते हैं. यह हमारा सामाजिक दायित्व है. ऑप्शन फॉर द पूवर में यह सेवा छात्रों को दी जाती है. यूनिवर्सिटी में चार नॉन एकेडमिक क्रेडिट भी रखे गये हैं. इसके तहत छात्रों को कई मानवीय व सामाजिक कार्यों से जोड़ा गया है, यह हरेक छात्र के लिए अनिवार्य है. इसमें सोशल ट्रस्ट अभियान भी है, जहां छात्रों को गांव में भेजा जाता है. ग्रामीण सामाजिक कार्यों के लिए 30 घंटे का एक्सपोजर छात्रों को दिखाना अनिवार्य है.

सेंट जेवियर्स की भविष्य की योजनाएं क्या हैं ?

सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी, कोलकाता की स्थापना 8 फरवरी, 2017 में की गयी. उस समय 400 छात्र थे, हालांकि 4,000 आवेदन आये थे. अभी यहां 3,200 छात्र पढ़ रहे हैं. हमारा लक्ष्य है कि 2030 तक यूनिवर्सिटी में दस हजार छात्रों की स्ट्रेंग्थ होनी चाहिए. नया कोर्स शुरु करने के साथ आने वाले समय में विदेशी यूनिवर्सिटी के साथ टाइ अप करने की योजना है. अमरीका में 28 जैस्विट यूनिवर्सिटी हैं. पूरे विश्व में 220 जैसविट यूनिवर्सिटी और 3000 जेस्विट स्कूल चल रहे हैं. सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी का नया कैंपस ईएम बाईपास पर तीन साल में बनने जा रहा है, इसमें कई विभाग शिफ्ट किये जायेंगे. फिलहाल 6 फरवरी के दीक्षांत समारोह की तैयारी चल रही है. इसमें 770 छात्रों को डिग्री अवॉर्ड दिया जायेगा.

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