पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती मामले में नौकरी के लिए दुर्गा पूजा के दौरान अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती मामले को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी है. दुर्गापूजा के दौरान भी यह छात्र प्रदर्शन करते नजर आये. कईयों के नाम मेरिट लिस्ट में होने के बावजूद उन्हें रोजगार प्रमाण पत्र नहीं मिला है.ऐसे में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अभ्यार्थी प्रदर्शन कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल में बेरोजगारी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.शिक्षक नियुक्ती मामले को लेकर काफी लंबे समय से शिक्षकों का प्रदर्शन जारी है. दुर्गापूजा के दौरान भी कई युवा छात्र अपने विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन करते नजर आये . दुर्गापूजा के दौरान दो अलग-अलग दृश्य देखने को मिला. युवा छात्र अधिकार मंच के राज्य समन्वयक सुदीप मंडल ने कहा कि एक ओर जहां दुर्गोत्सव ने पूरे राज्य में बड़े उत्सवों से बंगाल के घरों को भर दिया है.पूजा मंडपों में मां दुर्गा की पूजा चल रही है. वहीं हम बहुत असहाय हैं. आंखों में आंसू लिए धरने पर बैठे है हमें अपनी नौकरी चाहिए लेकिन सरकार तक हमारी बात नहीं पहुंच रही है.
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रोजगार पत्र के लिए प्रदर्शन जारी
प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग है कि शिक्षक भर्ती मामले में कई ऐसे अम्यार्थी है जो मेरिट लिस्ट की तालिका में उनका नाम आया है लेकिन उनकें इंटरव्यू के लिये नहीं बुलाया गया है. इसके साथ ही रोजगार पत्र भी नहीं दिया गया है. कई सारी समस्याओं को लेकर हमारा प्रदर्शन जारी है.हमारा विरोध है कि जो लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है उनका क्या होगा. ऐसे लोगों को नौकरियां दी जा रही है जो उस नौकरी के योग्य नहीं है. इस मामले की जांच होनी चाहिए.
जल्द से जल्द नौकरी देने की मांग
धरने पर बैठे छात्रों की मांग है कि वंचित शिक्षक उम्मीदवारों को उनकी उचित नौकरी जल्द वापस मिले . समर्थकों का कहना है कि लक्ष्मी भंडार जैसी योजनाओं से घर परिवार नहीं चलने वाला है. हमें रोजगार की आवश्यकता है हमें रोजगार दिया जाना चाहिए .जो योग्य लोग नौकरी से वंचित है उन्हें नौकरी मिलनी चाहिए .सामाजिक कार्यकर्ता अश्विनी कुमार सिंह ने कलकत्ता उच्च न्यायालय और सरकार से अनुरोध किया है कि योग्य शिक्षक उम्मीदवार नौकरी से वंचित हैं, तो उन्हें जल्द रोजगार देने की व्यवस्था की जानी चाहिए . शिक्षक नियुक्ती मामले में कोर्ट में कई फैसले शिक्षकों के हित में लिये गये है ऐसे में जो योग्य अभ्यार्थी है उन्हें सरकार से कई उम्मीदें हैं.