बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला के आरोपी माणिक भट्टाचार्य को लोगों ने बैंकशाल कोर्ट में दिखाये जूते
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में आज ईडी ने टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया है. कोर्ट में पेश किये जाने के दौरान लोगों ने कोर्ट के बाहर हंगामा व प्रदर्शन करना चालू कर दिया. इस दौरान माणिक भट्टाचार्य को जूते दिखाये गए.
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में आज ईडी ने टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें आज जब बैंकशाल कोर्ट में पेश करने के लिये ईडी कोर्ट ले कर जा रही थी तो इस दौरान लोगों ने कोर्ट के बाहर हंगामा व प्रदर्शन करना चालू कर दिया. इस दौरान माणिक भट्टाचार्य को जूते दिखाये गये साथ में लोगों ने चोर -चोर का नारा भी लगाया. बताते चलें कि प्रवर्तन निदेशालय ने टीएमसी के जिस विधायक को गिरफ्तार किया ह. वह बंगाल शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं. कोर्ट के बाहर लोगों का हंगामा जारी है. भाजपा नेता सजल घोष भी मौके पर पहुंचे है. उनका कहना है कि तृणमूल सरकार ने बंगाल में शिक्षा नीति को समाप्त कर दिया है.
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माणिक भट्टाचार्य 25 अक्टूबर तक ईडी हिरासत में
टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य को कोर्ट ने 25 अक्टूबर तक ईडी हिरासत में भेज दिया है.गौरतलब है कि ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले में पिछले महीने ही अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें माणिक भट्टाचार्य का नाम शामिल था. ईडी ने आरोप लगाया है कि भट्टाचार्य के कहने पर ही उत्तर पुस्तिका में प्राप्तांक की जगह को खाली छोड़ दिया गया था.
माणिक का फोन खंगाल रही इडी
तृणमूल विधायक व प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के बाद से उनके फोन से मिले तथ्यों को एजेंसी खंगाल रही है, ताकि घोटाले से उसकी कड़ियां जोड़ी जा सकें. सूत्रों की मानें, तो आरोपी माणिक भट्टाचार्य के व्हॉट्सऐप चैट से भी ईडी को कई अहम जानकारियां मिली है. बताया जा रहा है कि चैट में ‘आरके’ नाम से सेव एक नंबर से मैसेज आया था कि ‘तालिका तैयार हो गयी है’. यहां किस तालिका की बात की गयी है, यह जांच का अहम हिस्सा है. फोन पर ‘डीडी’ नाम से सेव नंबर से भी कुछ ऐसे मैसेज आये हैं, जो पड़ताल के दायरे में हैं. अलबत्ता, तफ्तीश के बाबत इडी की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है. गौरतलब है कि वर्ष 2014 में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) हुई थी. उसमें उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की पहली मेघा -सूची जारी होने के बाद रद्द कर दी गयी. फिर दूसरी मेधा सूची जारी की गयी. इसके बाद ही आरोप लगने लगे कि दूसरी मेधा सूची में उन लोगों को शामिल किया गया है, जिन्होंने रिश्वत देकर नौकरी पायी है.