बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला : एसपी सिन्हा समेत अन्य आरोपियों को 29 जून तक न्यायिक हिरासत
शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार एसपी सिन्हा समेत अन्य आरोपियों को अलीपुर कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां किसी ने तबीयत खराब तो किसी ने लंबे ट्रायल का हवाला देकर जमानत के लिए आवेदन किया. वहीं अदालत ने आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि 29 जून तक बढ़ाने का निर्देश दिया.
कोलकाता. शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआई के हाथों गिरफ्तार एसपी सिन्हा, जीवन कृष्ण साहा, सुबीरेश भट्टाचार्य समेत अन्य आरोपियों को गुरुवार को अलीपुर कोर्ट स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत सूत्रों के मुताबिक इस दिन सुनवाई के दौरान सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि 29 जून तक बढ़ाने का निर्देश दिया.
एसपी सिन्हा की तरफ से उनके वकील ने क्या कहा
अदालत सूत्रों के मुताबिक सुनवाई के दौरान एसपी सिन्हा की तरफ से उनके वकील ने अदालत में कहा कि जब सारी फाइलें जांच अधिकारियों के पास हैं, तो इन सबूतों से छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं उठता. मेरा एक ही सवाल यह है कि यह जांच कब पूरी होगी और इसका ट्रायल कब शुरू होगा. क्या इसकी जांच पूरी होने में 10 से 15 साल लगेंगे! अदालत से अपील है कि उनके मुवक्किल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाये.
जीवन कृष्ण साहा के वकील ने क्या कहा
इधर, जीवन कृष्ण साहा के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल का एसएससी घोटाले से कोई संबंध नहीं है. फिर उनके मुवक्किल को क्यों सीबीआई हिरासत में रखा गया है. क्या वे विधायक हैं, इसलिए प्रभावशाली बता कर सबूत नष्ट करने का हवाला देकर उन्हें जेल हिरासत में रखा गया है. मैं अपने मुवक्किल के लिए अंतरिम जमानत का आवेदन करता हूं.
सुबीरेश भट्टाचार्य के वकील ने क्या कहा
वहीं, सुबीरेश भट्टाचार्य के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल हृदय की समस्या से पीड़ित हैं. वह कई बीमारियों से पीड़ित हैं, जिसके लिए उन्हें अदालत में पेश करने के दौरान काफी परेशानी हो रही है. मैं किसी भी हालत में जमानत के लिए आवेदन कर रहा हूं.
सीबीआई के वकील का जवाब
जवाब में सीबीआई के वकील ने कहा कि अगर जांच एजेंसी की तरफ से अदालत में इन आरोपियों के खिलाफ पेश किये गये सबूतों पर गौर किया जाये, तो साफ हो जायेगा कि गवाहों को धमकी कहां से और क्यों आ रही है. ऐसा क्यों कहा जा रहा है कि जांच खत्म होने में 10 से 15 साल लगेगा. इससे पहले जांच खत्म नहीं होगी! समय पर जांच खत्म होगी. वहीं, सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अलीपुर कोर्ट ने आरोपियों को 29 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.
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