13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

West Bengal: TMC व BJP में नेताजी की जयंती मनाने की लगी होड़, RSS की भी होगी सभा

माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस की एक शाखा संगठन है, जिसका नाम भी जय हिंद वाहिनी है.

पूरा देश सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती मनाने को तैयार है. वहीं, राज्य में इस मुद्दे पर राजनीति गरमा रही है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और प्रमुख विरोधी दल भाजपा ने नेताजी जयंती पर कई कार्यक्रम आयोजित किये हैं. इसी बीच, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी महानगर दौरे पर हैं और सोमवार को शहीद मीनार में जनसभा को संबोधित करेंगे.

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की तर्ज पर जय हिंद वाहिनी स्थापित करने का निर्णय लिया है. इस घोषणा से राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है, जहां विपक्षी दलों ने इसे नेताजी को लेकर राजनीतिकरण करने के खुले प्रयास के रूप में निंदा की है. यह विशेष रूप से हालिया विकास की पृष्ठभूमि में है, जिसमें एनसीसी के पश्चिम बंगाल और सिक्किम निदेशालय के अतिरिक्त महानिदेशक ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अपने हिस्से के खर्च का भुगतान न करने के कारण कैसे एक लाख से अधिक एनसीसी कैडेटों का करियर प्रभावित हुआ है.

माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस की एक शाखा संगठन है, जिसका नाम भी जय हिंद वाहिनी है. उन्होंने सवाल किया, तो क्या यह नेताजी को श्रद्धांजलि देने की आड़ में इस कदम के माध्यम से स्कूली शिक्षा के क्षेत्र का राजनीतिकरण करने का एक और प्रयास है? जब एनसीसी है, तो इस कदम का क्या औचित्य है? वहीं, प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती में धांधली व घोटाले होने के कारण राज्य में स्कूली शिक्षा प्रणाली गहरे संकट से गुजर रही है. ऐसे में जय हिंद वाहिनी पर यह कदम नेताजी के नाम पर एक मजाक के अलावा और कुछ नहीं है. पहले राज्य सरकार को चाहिए कि वह शिक्षा व्यवस्था की सफाई कर उसे पुनर्जीवित करने का प्रयास करे.

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक तापस राय ने विपक्ष की आलोचना को हर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का अनावश्यक प्रयास बताते हुए खारिज कर दिया. श्री राय ने कहा : कोई भी यह नहीं कह रहा है कि मौजूदा एनसीसी योजना की बलि चढ़ाकर जय हिंद वाहिनी का गठन किया जायेगा. यह सिर्फ नेताजी को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि देने के लिए है. वास्तव में विपक्ष के मन में राष्ट्र की महान आत्माओं के लिए कोई सम्मान नहीं है और इसलिए वे अनावश्यक रूप से पूरे मामले का राजनीतिकरण करते हैं.

सोमवार को आरएसएस की भी होगी सभा

इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के 23 जनवरी को कोलकाता में शहीद मीनार के सामने नेताजी को श्रद्धांजलि देने के लिए निर्धारित कार्यक्रम ने पश्चिम बंगाल में अलग माहौल पैदा कर दिया है. हालांकि आरएसएस को एक राजनीतिक ताकत के रूप में कड़ाई से परिभाषित नहीं किया जा सकता है, लेकिन पश्चिम बंगाल में प्रमुख राजनीतिक दलों और यहां तक कि कुछ विश्लेषकों को भी लगता है कि भगवा खेमा निश्चित रूप से 2023 में पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव और इससे भी महत्वपूर्ण 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भागवत के इस कदम से राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश करेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें