कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच 8 चरणों (27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल) में मतदान कराये जायेंगे. 2 मई मतगणना होगी और सभी 294 विधानसभा सीटों के परिणाम घोषित कर दिये जायेंगे. बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीट हैं. इनमें 68 अनुसूचित जाति (SC) और 16 अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं. विधानसभा का कार्यकाल 30 मई, 2021 को खत्म हो रहा है.
बंगाल में इस बार 7,32,94,980 वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इनमें 3,73,66,306 पुरुष मतदाता हैं, जबकि 3,59,27,084 महिला वोटर. राज्य में 1,590 थर्ड जेंडर वोटर हैं. 15 जनवरी 2021 को चुनाव आयोग ने जो अंतिम मतदाता सूची जारी की, उसके मुताबिक, राज्य में 1,12,642 सर्विस वोटर हैं. पुरुष और महिला वोटर का अनुपात 1000:961 है. यानी 1000 पुरुष वोटर के मुकाबले बंगाल में 961 महिला मतदाता हैं.
चुनाव आयोग के मतदाता पुनरीक्षण में कुल 20,45,593 नये वोटर के नाम जोड़े गये. दूसरी तरफ, 5,99,921 मतदाताओं के नाम सूची से हटाये गये. मतदाता पुनरीक्षण कार्य के दौरान 14,45,672 मतदाताओं ने अपने वोटर कार्ड में संशोधन कराया. कुल मिलाकर बंगाल में 2.01 फीसदी वोटर बढ़े. हालांकि, ड्राफ्ट रोल में 0.13 फीसदी मतदाता कम हुए थे.
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वर्ष 2021 की मतदाता सूची के मुताबिक, बंगाल में 2.68 फीसदी वोटर ऐसे होंगे, जो पहली बार मतदान करेंगे. इनकी उम्र 18-19 वर्ष होगी. चुनाव आयोग ने कहा है कि 100 फीसदी मतदाताओं को पहचान पत्र जारी किया जा चुका है. सभी मतदाताओं के पहचान पत्र पर उनकी तस्वीरें लगी हैं. यानी सभी वोटर के मतदाता पहचान पत्र फोटोयुक्त हैं.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीट हैं. इनमें 211 सीट पर तृणमूल कांग्रेस को पिछली बार जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस और वामदलों के गठबंधन ने 72 सीटें जीती थी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर 3 लोग जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. भाजपा और सत्तारूढ़ तृममूल कांग्रेस ने इस बार चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी है. वहीं, कांग्रेस-वामदल मिलकर तीसरा कोण बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
Posted By : Mithilesh Jha