पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में इस बार सबकी नजर मुस्लिम बहुल 120 सीटों पर है. राज्य में सरकार बनाने में ये 120 सीट अधिक महत्वपूर्ण है. बंगाल में इस बार मुस्लिम वोटों को पाने के लिए टीएमसी और लेफ्ट गठबंधन ने पूरी ताकत लगा दी. वहीं मुस्लिम बहुल सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले होने से कई सीटों पर बीजेपी को भी अपनी जीत की उम्मीद है.
टीवी 9 भारतवर्ष की एग्जिट पोल की मानें तो इस बार बंगाल के मुस्लिम समुदाय टीएमसी की ओर मूव कर रही है. चैनल ने करीब 10,000 लोगों से राय ली है. एग्जिट पोल के मुताबिक बंगाल के करीब 65% से अधिक मुस्लिम मतदाता ममता बनर्जी को एक बार फिर सीएम बनते देखना चाहती है. वहीं संयुक्त मोर्चा को इस बार करारा झटका लगा है. कांग्रेस, लेफ्ट और आईएसएफ गठबंधन के पक्ष में सिर्फ 20% मुस्लिम मतदाता ही वोट करने की बात कही है.
वहीं एक और सर्वे टाइम्स नाउ के मुताबिक लेफ्ट गठबंधन के वोट फीसदी में भी जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है. लेफ्ट गठबंधन को इस बार सिर्फ 15% वोट एग्जिट पोल में मिलती दिख रही है.
पश्चिम बंगाल में मुस्लिम बहुल करीब 120 सीट है, जहां पर ये वोटर्स जीत और हार तय करते हैं. पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, मुर्शिदाबाद जिले में मुस्लिम बहुल सीट अधिक है. इसके अलावा, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना के भी कई सीटों पर मुस्लिम वोटर्स जीत और हार तय करते हैं.
2016 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल सीटों पर कांग्रेस और टीएमसी को सबसे अधिक फायदा मिला था. लेफ्ट के साथ मिलकर लड़ने वाली कांग्रेस को वाममोर्चा से अधिक सीटें इस चुनाव में मिली थी. मालदा और मुर्शिदाबाद के अधिकतर सीट कांग्रेस की खाते में गई थी.
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इस बार चुनाव में जहां टीएमसी और कांग्रेस को अपने हिंदू वोटबैंक बीजेपी की ओर खिसकने का डर है. वहीं पीरजादा और ओवैसी की पार्टी ने भी दोनों की टेंशन बढ़ा दी है. पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी 26 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि ओवैसी की पार्टी 17 सीटों पर चुनावी मैदान में है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra