West Bengal Chunav 2021 : चुप्पा वोटर करेंगे असली खेला होबे? साइलेंट वोटर्स को साधने के लिए BJP-TMC ने बनाई रणनीति
West Bengal Vidhan Sabha Chunav 2021 latest news : चुनावी घंटी बजने के बाद ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल ने राज्य की सभी सीटों पर अपने उम्मीद्वारों के नामों की घोषणा कर दी है. वहीं राज्य में साइलेट वोटर्स ने सभी दलों के अंदर बैचेनी बढ़ी दी है. बताया जा रहा है कि इस बार का पूरा चुनावी खेल चुप्पा वोटर ही बिगाड़ेगा.
जीतेश बोरकर : चुनावी घंटी बजने के बाद ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल ने राज्य की सभी सीटों पर अपने उम्मीद्वारों के नामों की घोषणा कर दी है. वहीं राज्य में साइलेट वोटर्स ने सभी दलों के अंदर बैचेनी बढ़ी दी है. बताया जा रहा है कि इस बार का पूरा चुनावी खेल चुप्पा वोटर ही बिगाड़ेगा.
खड़गपुर शहर में भाजपा और तृणमूल के बीच चुनाव में सीधी टक्कर होनेवाली है और इसे लेकर लोगों में कौतूहल बढ़ता जा रहा है. चुनाव से पहले तृणमूल और भाजपा, हर तरह से मतदाताओं रिझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं, लेकिन खड़गपुर शहर के साइलेंट वोटर्स का मूड समझ में नहीं आ रहा है, यही कारण है कि दोनों ही पार्टियां हर तरह से उन्हें साधने की कोशिश में जुटी हुईं हैं.
खासकर खड़गपुर शहर का आठ रेल वार्ड बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. खड़गपुर सदर से तृणमूल ने फिर से प्रदीप सरकार को अपना उम्मीदवार बनया है. इधर, खड़गपुर सदर सीट से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलों से भाजपा समर्थक बेहद उत्साहित हैं जबकि तृणमूल खेमे में हलचल है. बताया जा रहा है कि साइलेंट वोटर किसी भी राजनीतिक दल का खेल बिगाड़ सकते हैं.
खड़गपुर भाजपा समर्थकों ने आला कमान से मांग भी की है कि किसी हेवीवेट नेता को खड़गपुर सदर से उम्मीदवार बनाया जाये. गौरतलब है कि दिलीप घोष ने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के चाचा ज्ञानसिह सोहनपाल को करीबन 6500 वोट से हराकर खड़गपुर सदर के विधायक बने थे.
साढ़े तीन वर्ष बाद दिलीप घोष ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था और लोकसभा चुनाव में भी श्री घोष यहां से 60000 हजार वोटों से विजयी हुए थे. इसके कुछ महीने बाद ही खड़गपुर सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें साइलेंट वोटरों ने बाजी पलट दी और भाजपा उम्मीदवार प्रेमचंद झा खारिज करते हुए तृणमूल उम्मीदवार प्रदीप सरकार को भारी मतों के अतंर से विजयी बनाया.
यहीं कारण है कि भाजपा और तृणमूल दोनों ही पार्टियां इन्हें हर तरह से साधने की कोशिश में जुटी हुईं हैं. अगर खड़गपुर सदर सीट से फिर से भाजपा उम्मीदवार दिलीप घोष चुनावी मैदान में उतरते हैं तो इस बार भी साइलेंट वोटर जीत-हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे.
Posted By : Avinish kumar mishra