West Bengal Violence: डर से गांव में नहीं है पुजारी और नाई, श्राद्ध कर्म रुका, जानें बंगाल के गलसी का हाल

West Bengal Violence: श्राद्ध कर्म नही हो पाने के कारण साधना देवी ने पुलिस के ख़िलाफ़ आक्रोश व्यक्त किया. साधना देवी का आरोप है कि उनके पति की हत्या की जांच सीबीआई करे. आपको बता दें कि उत्पल का शव रात में इलाके के एक तालाब के किनारे से उसके सिर पर कुदाल लगा हुआ बरामद हुआ था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2022 8:02 AM

बर्दवान/पानागढ़ : पश्‍चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले के गलसी थाना इलाके के संतोषपुर गांव में गत सोमवार को उत्पल घोष की नृशंस हत्या के बाद भड़की हिंसा के बाद आरोपियों के घरों में आग लगाकर फूंक दिया गया. वही उनके वाहनों को भी जला दिया गया. घरों में आक्रोशित भीड़ ने तोड़फोड़ चलाया. हत्या का बदला लेने के लिए आक्रोशित ग्रामीणों ने बीरभूम रामपुरहाट के बागतुई के तर्ज पर ही हत्यारे व उसके परिवार के घर में आग लगा दी थी.

संतोषपुर गांव में भड़की हिंसक बाद जिला पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में छापामारी अभियान चलाकर करीब 39 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद गांव में ही पुलिस पिकेट बैठा दिया गया है. संतोषपुर गांव अब पुरुष विहीन हो गया है. लगभग गांव से लगभग पुरुष पुलिस की धर पकड़ के भय से भाग गए है. मारे गए उत्पल घोष (33) की पत्नी साधना घोष और उनका परिवार संकट में है. हालात यह हो गयी है कि अब  गांव में कोई नाई -ब्राह्मण तक नहीं है. पति की मृत्यु उपरांत श्राद्ध कर्म के लिए साधना देवी हाथ पर हाथ धरे बैठी है. ऐसे में तीन दिन बीत जाने के बावजूद साधना देवी के पति का श्राद्ध कर्म नही हो पा रहा है.

पति की हत्या की जांच सीबीआई करे

श्राद्ध कर्म नही हो पाने के कारण साधना देवी ने पुलिस के ख़िलाफ़ आक्रोश व्यक्त किया. साधना देवी का आरोप है कि उनके पति की हत्या की जांच सीबीआई करे. बताया जाता है कि गांव के रहने वाले उत्पल घोष (33) ने पत्नी को प्रताड़ित किए जाने का विरोध किया था ,न केवल इसका विरोध किया था बल्कि उन्होंने अपने पड़ोसी मनोज घोष के खिलाफ गलसी थाने में पत्नी के साथ छेड़खानी में शामिल होने की शिकायत भी दर्ज करायी थी. उसका बदला लेने के लिए मनोज घोष ने रविवार शाम को घर से फोन कर उत्पल घोष को बुलवाकर उसकी कुदाल से प्रहार कर नृशंस रूप से हत्या कर दिया था.

सिर पर कुदाल से हमला

उत्पल का शव रात में इलाके के एक तालाब के किनारे से उसके सिर पर कुदाल लगा हुआ बरामद हुआ था. मृतक के परिवार की शिकायत के आधार पर गलसी थाने की पुलिस ने मनोज को गिरफ्तार कर उसी रात  पूछताछ शुरू की थी. मनोज ने उत्पल की निर्मम हत्या की बात भी पुलिस के सामने स्वीकार कर ली थी. मनोज घोष की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने गत सोमवार को उसे बर्दवान कोर्ट में पेश किया और जांच के लिए 4 दिन की पुलिस हिरासत में ले लिया था. अब तक सब कुछ ठीक था. पुलिस भी गांव से निकल गई थी. लेकिन जब उत्पल घोष का मृत देह पोस्टमार्टम के बाद गांव पहुंचा तो लोगों का आक्रोश फुट पड़ा. गांव के आक्रोशित लोगों ने मनोज व उसके चचेरे भाई व चाचा के घर में धावा बोल दिया और आग लगा दी.

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काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू

फायर बिग्रेड को आग बुझाने की सूचना दी गई. मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ी ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. हालांकि हत्या का बदला लेने के लिए हत्यारे और उसके परिवार के घर में बागतुई के अंदाज में आग लगाने की घटना को पुलिस स्वीकार नहीं कर पाई. इसलिए पुलिस ने उस रात गांव में छापा मारा और 39 लोगों को गिरफ्तार किया. मारे गए उत्पल घोष की पत्नी साधना देवी ने पुलिस की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए है. उन्होंने शिकायत की कि पुलिस ने निर्दोष ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. लेकिन हिंसा फैलाने वाले मूल अपराधी गांव में अभी भी घूम रहे हैं. हत्यारे मनोज घोष को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया लेकिन उसके पिता कार्तिक घोष और चाचा हराधन घोष को पुलिस ने रिहा कर दिया. पुलिस की गिरफ्तारी के डर से अब पूरा गांव पुरुष विहीन हो गया है.

पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही

गांव में न ब्राह्मण हैं, न नाई ही है. साधना देवी का कहना है कि मैं चाहती हूं कि सीबीआई मेरे पति की हत्या की जांच करे. मारे गए उत्पल घोष के चाचा भरत घोष ने भी कहा कि पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही है. हालांकि, जिला पुलिस अधीक्षक कमनाशीष सेन ने कहा कि पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है.आरोपी हत्यारे को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.आरोपी मनोज ने हत्या की बात स्वीकार भी की है.लेकिन इन सबके बीच जिस तरह से हिंसा और आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया इस मामले में भी 39 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.गांव में अशांति न फैले इसके लिए पुलिस पिकेट बैठायी गयी है.

रिपोर्ट : मुकेश तिवारी

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