WFH: ‘वर्क फ्रॉम होम’ में लैपटॉप की समस्या का सामना कर रहे गूगल के कर्मचारी
कोरोना वायरस संक्रमण (Covid-19 Global pandemic) को लेकर पूरे विश्व में लागू लॉकडाउन (Lockdown in world)के कारण अधिकांश आईटी सेक्टर (IT sector Employees) के कर्मचारियों को 'वर्क फ्रॉम होम' (WFH) करने के लिए कहा गया है. गूगल (Google) के कर्मचारी भी अपने घरों से ही काम कर रहे हैं. घर से काम करते हुए अब लगभग दो महीने पूरे हो चुके है. घर से कार्य करने (Work From home) की संस्कृति में काम करने की गति बढ़ती है. पर, कर्मियों के कुछ खास चीजों को लेकर समस्या का सामना करना पड़ रहा है. सीएनबीसी के मुताबिक सुंदर पिचाई की अगुवाई वाली कंपनी गूगल ने अपने कर्मचारियों से कहा कि लैपटॉप की सप्लाई सीमित संख्या में ही हो सकेगी. रिपोर्ट के मुताबिक यह भी कहा गया है कि गूगल ने अपने कर्मचारियों के लैपटॉप में होने वाले सभी अपग्रेड को रद्द कर दिया है.
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पूरे विश्व में लागू लॉकडाउन के कारण अधिकांश आईटी सेक्टर के कर्मचारियों (IT Sector Employees ) को वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) करने के लिए कहा गया है. गूगल के कर्मचारी भी अपने घरों से ही काम कर रहे हैं. घर से काम करते हुए अब लगभग दो महीने पूरे हो चुके है. घर से कार्य करने की संस्कृति में काम करने की गति बढ़ती है. पर, कर्मियों के कुछ खास चीजों को लेकर समस्या का सामना करना पड़ रहा है. सीएनबीसी के मुताबिक सुंदर पिचाई की अगुवाई वाली कंपनी गूगल ने अपने कर्मचारियों से कहा कि लैपटॉप की सप्लाई सीमित संख्या में ही हो सकेगी. रिपोर्ट के मुताबिक यह भी कहा गया है कि गूगल ने अपने कर्मचारियों के लैपटॉप में होने वाले सभी अपग्रेड को रद्द कर दिया है.
सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक गूगल ने सभी कर्मियों के साथ एक पत्र साझा किया है. जिसमें कहा गया है कि, फिलहाल दूर रह रहे कर्मियों को बेहतर तकनीक की सुविधा नहीं प्रदान की जा सकती है. क्योंकि सभी जगहों पर जरूरी उपकरण उपलब्ध नहीं है. कपंनी ने अपने कर्मचारियों ने कहा है कि हम अपनी तरफ से बेहतर प्रयास कर रहे हैं कि जितनी जल्दी हो सके अपने कर्मचारियों तक लैपटॉप पहुंचा सके. पर फिलहाल सभी के लिए लैपटॉप देना संभव नहीं है. गूगल ने यह भी कहै है कि कोई भी कर्मचारी यह नहीं सोचे की जानबूझकर उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है. कंपनी फिलहाल यह प्रयास कर रही है कि इस बुरे दौर में गूगल यूजर्स को बेहतर सुविधा प्रदान किया जा सके.
इस समय सबसे ज्यादा नुकसान उन कर्मियों को हुआ है जो अस्थायी कर्मचारी हैं और अनुबंध में काम कर रहे हैं. सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक गूगल में ऐसे कर्मियों की संख्या लगभग आधी है. फिलहाल कंपनी में उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है जिन्हें “नोग्लर्स ” (Nooglers) कहा जाता है. जो फूल टाइम इम्पलाइ के तौर पर हाल ही में नियुक्त किये गये हैं. कंपनी बाद में उन्हें भी प्राथमिकता देगी जिनके सामान चोरी हो गये हैं किसी कारणवश खराब हो गये. गूगल के सीइओ सुंदर पिचाई ने पिछले सप्ताह ही कहा था कि गूगल जून महीने से अपने कर्मचारियों को सुनियोजित तरीके से उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऑफिस में बुलाना शुरू कर देगा. गूगल के सिर्फ वहीं ऑफिस खोले जायेंगे जहां पर ऑफिस से दूर रहकर घर में बैठकर कार्य करना संभव नहीं है.