भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के नवनिर्वाचित प्रमुख संजय सिंह और उनकी पूरी टीम को खेल मंत्रालय ने रविवार को निलंबित कर दिया. संजय सिंह रविवार को झारखंड की राजधानी रांची आए थे. वह राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि थे. रांची एयरपोर्ट पर संजय सिंह जैसे ही बाहर निकलने लगे, मीडिया ने उनको घेर लिया और निलंबन पर तरह-तरह के सवाल पूछने लगे. संजय सिंह ने कहा कि उन्हें इस बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है. जब यह फैसला लिया गया तब वह फ्लाइट में थे. उन्होंने अब तक चिट्ठी देखी नहीं है, चिट्ठी देखने के बाद ही वह आगे की रणनीति बनाएंगे.
संजय सिंह ने कही यह बात
संजय सिंह ने कहा कि खेल मंत्रालय द्वारा डब्ल्यूएफआई को निलंबित करने के बाद उन्हें अभी तक कोई पत्र नहीं मिला है. उन्होंने कहा, ‘मैं फ्लाइट में था. अभी तक मुझे कोई पत्र नहीं मिला है. पहले मुझे पत्र देखने दीजिए, उसके बाद ही कोई टिप्पणी करूंगा. मैंने सुना है कि कुछ गतिविधि रोक दी गई है. सिंह से बार बार कई सवाल पूछे गए, लेकिन उन्होंने एक ही जवाब दिया ‘नो कमेंट’.
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बृजभूषण के करीबी हैं संजय सिंह
संजय सिंह डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी हैं. बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप है. सिंह को 21 दिसंबर को कुश्ती संस्था का नया अध्यक्ष चुना गया था. WFI के निलंबन के बाद बृजभूषण सिंह ने रविवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. लेकिन मुलाकात के बाद बृजभूषण ने कहा कि कुश्ती से मेरा कोई लेना-देना नहीं है. मैं लोगसभा चुनाव पर चर्चा करने के लिए अध्यक्ष जी से मिला था.
खेल मंत्रालय ने कही यह बात
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में खेल मंत्रालय ने कहा कि जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की घोषणा जल्दबाजी में की गई थी और घोषणा से पहले कम से कम 15 दिन के नोटिस की आवश्यकता थी ताकि पहलवान तैयारी कर सकें. सिंह ने 21 दिसंबर को घोषणा की थी कि जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं इस साल के अंत से पहले शुरू होंगी. इसी पर पूरा मामला टिका है.
खिलाड़ियों का एक साल बर्बाद न हो
इस मामले पर संजय सिंह का तर्क है कि अंडर 15 और अंडर 20 राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता की घोषणा इसलिए की गई क्योंकि वर्ष 2023 के अंत में केवल आठ दिन बचे हैं. अगर प्रतियोगिताएं इस कैलेंडर वर्ष में नहीं होती हैं, तो कई पहलवानों की उम्र अधिक हो जाएगी. सूत्रों ने यह भी दावा किया कि सिंह के खेमे के पास निलंबन के लिए खेल मंत्रालय द्वारा बताए गए कारणों का खंडन तैयार है. मंत्रालय ने यह भी आरोप लगाया कि नया निकाय पिछले पदाधिकारियों के नियंत्रण में प्रतीत होता है, जिनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे.