भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव की तैयारी में जुटी भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति ने सोमवार को पांच विवादित प्रदेश ईकाइयों को 21 जून को सुनवाई के लिये बुलाया है और मतदाता सूची तैयार करने के लिये नामांकन जमा करने की तारीख भी दो दिन के लिये बढ़ा दी है. प्रदेश ईकाइयों को मतदाता सूची तैयार करने के लिये नाम भेजने की तारीख 19 जून दी गयी थी जो बढ़ाकर 21 जून कर दी गयी है.
महाराष्ट्र, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की अमान्य ईकाइयों ने हाल ही में तदर्थ समिति से संपर्क करके दावा किया था कि वे मतदाता सूची में सदस्यों को नामित करने के पात्र हैं और छह जुलाई को होने वाले चुनाव में उन्हें भाग लेने का अधिकार है. सहायक निर्वाचन अधिकारी तापस कुमार भट्टाचार्य द्वारा जारी एक सूचना में कहा गया, ‘निर्वाचन अधिकारी ने उक्त प्रतिनिधियों को सुनवाई के लिये 21 जून को तीन से चार बजे के बीच बुलाया है.
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इसके लिये मतदाता सूची तैयार करने के लिये नामांकन भेजने की सीमा बढाकर 21 जून को रात 12 बजे तक कर दी गयी है.’ समझा जाता है कि डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान महासचिव वी एम प्रसूद भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहेंगे. डब्ल्यूएफआई ने हरियाणा और महाराष्ट्र की प्रदेश ईकाइयों को जून 2022 में भंग करके नयी ईकाइयों को नियुक्त किया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार की अध्यक्षता वाली महाराष्ट्र ईकाई ने बंबई हाईकोर्ट की शरण ली थी जिसने प्रदेश ईकाई को भंग करने के डब्ल्यूएफआई के फैसले को अवैध करार देकर 31 जुलाई को हुए चुनाव भी रद्द कर दिये थे.
डब्ल्यूएफआई अधिकारियों ने हरियाणा ईकाई को भंग कर दिया था क्योंकि पदाधिकारी अपने कार्यकाल से अधिक समय तक जमे हुए थे और प्रदेश ईकाई पूरी तरह से निष्क्रिय थी. हिमाचल प्रदेश ईकाई के चुनाव इस साल जनवरी में होने थे लेकिन कुश्ती में जारी घमासान के कारण नहीं हो सके. समझा जाता है कि अधिकांश प्रदेश ईकाइयों ने मतदाता सूची तैयार करने के लिये अपने सदस्यों के नाम भेज दिया है. दिल्ली अमैच्योर कुश्ती संघ के प्रतिनिधि अध्यक्ष ओलंपियन जय प्रकाश और महासचिव रमेश पहलवान होंगे.